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Wednesday, 13 August, 2025
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नयी श्रम संहिता श्रमिकों के अधिकारों पर हमला : सीटू

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नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) सीटू के महासचिव तपन सेन ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि नयी श्रम संहिता श्रमिकों के अधिकारों पर हमला है और मजदूर संघो का संयुक्त मंच इसका विरोध करना जारी रखेगा।

बृहस्पतिवार को मजदूर दिवस के अवसर पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सेन ने चिंता व्यक्त की कि कई राज्य अपने कानूनों में नई संहिताओं को शामिल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि माकपा से संबद्ध ‘सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन’ (सीटू) ने श्रम संहिताओं और अन्य मुद्दों के विरोध में 20 मई को हड़ताल का आह्वान किया है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि यह नई श्रम संहिताओं के खिलाफ एक नए प्रतिरोध की शुरुआत होगी।

सेन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम पिछले पांच सालों से नई श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन का विरोध कर रहे हैं। कई हड़तालें, क्षेत्रीय स्तर पर विरोध हुए और वे (केंद्र) संहिता को अधिसूचित नहीं कर सके। अब, वे इसे विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर आगे बढ़ा रहे हैं, और उन्होंने एक अप्रैल को इन्हें अधिसूचित करने की योजना बनाई थी। किसी कारणवश वे इसे अधिसूचित नहीं कर सके।’’

संसद द्वारा पारित चार श्रम संहिताएं 29 मौजूदा श्रम कानूनों की जगह लेंगी। ये संहिताएं वेतन, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा, व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थितियों को विनियमित करती हैं।

सेन ने दावा किया, ‘‘वे (सरकार) कई ऐसे रास्ते बना रहे हैं, जिसके द्वारा वे श्रमिकों को मिलने वाले अधिकारों पर भी अंकुश लगा रहे हैं। वे उन अपराधों को गैर-अपराधीकरण करके नियोक्ताओं को कानून का उल्लंघन करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। वे (नियोक्ता) कुछ जुर्माना भरेंगे और बच निकलेंगे।’’

भाषा शफीक माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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