नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ‘मिशन वात्सल्य’ के तहत नये दिशानिर्देश जारी किए हैं जिनमें एक एकीकृत हेल्पलाइन और परिवार आधारित गैर-संस्थागत देखभाल को प्रोत्साहित करने की पहल प्रमुख रूप से शामिल हैं।
‘मिशन शक्ति’ और ‘पोषण 2.0’ के अलावा ‘मिशन वात्सल्य’ बाल संरक्षण और कल्याण सेवाओं पर केंद्रित तीसरी प्रमुख योजना है।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बच्चों के कल्याण एवं पुनर्वास के लिए 2009-10 से केंद्र प्रायोजित योजना “मिशन वात्सल्य” यानी बाल संरक्षण सेवा योजना शुरू की है।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, “मिशन वात्सल्य” के मुख्य कार्यों में संवैधानिक निकायों के कामकाज में सुधार लाना, सेवा प्रदान करने के ढांचे को मजबूत बनाना, संस्थागत देखभाल और सेवाओं के स्तर में वृद्धि करना, गैर-संस्थागत समुदाय आधारित देखभाल को प्रोत्साहित करना, आपात स्थिति में पहुंच उपलब्ध कराना, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण शामिल हैं।
नये दिशानिर्देशों में कहा गया है, ‘‘बाल संरक्षण सेवाओं और किशोर न्याय कानून के अंतर्गत कार्यरत चार प्रमुख पोर्टल- ‘ट्रैकचाइल्ड’, ‘केयिरंग्स’ ‘खोया-पाया’ और एकीकृत बाल संरक्षण सेवाओं के पोर्टल को एक पोर्टल के साथ जोड़ा जाएगा।’’
इसमें यह भी कहा गया है कि ‘क्रैडल बेबी रिसेप्शन सेंटर’ होंगे क्योंकि कई जिलों में संकटग्रस्त बच्चों को मदद मुहैया कराने अथवा आश्रय देने की कोई सुविधा नहीं है। ये केंद्र कुछ विशेषज्ञ एजेंसियों द्वारा संचालित किए जाएंगे जिनमें शिशुओं के लिए सभी बुनियादी सुविधाएं होंगी।
भाषा हक हक पवनेश
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