जयपुर, दो मई (भाषा) राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय परंपरा और संस्कृति के अनुसार है और यह नया, विकसित, सर्वश्रेष्ठ और विश्व गुरु भारत बनाने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि भारतीय प्राचीन ज्ञान विश्व को आधुनिक दृष्टि प्रदान करने वाला है। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ी नई शिक्षा नीति के जरिए विद्यार्थियों की बौद्धिक क्षमता के विकास के साथ उनमें रचनात्मक गुण विकसित किए जाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति भारत को केवल विकसित राष्ट्र बनाने के लिहाज से महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि इसके जरिए देश फिर से विश्व गुरु बनेगा।
उन्होंने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षक और शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि आचार्य वह है जो अपने आचरण से आदर्श प्रस्तुत करे।
राज्यपाल ने आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा-राजस्थान एवं शिक्षा संस्कृतिक उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वावधान में गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय में आयोजित ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन में शिक्षक एवं शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका’ विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित किया।
आधिकारिक बयान के अनुसार, राज्यपाल ने कहा कि नया, विकसित, सर्वश्रेष्ठ और विश्व गुरु भारत बनाने के लिए नई शिक्षा नीति महत्वपूर्ण है। नई शिक्षा नीति को बनाने में कई शिक्षाविदों ने योगदान दिया है।
इसमें कहा गया कि शिक्षा नीति सभी तक आसान पहुंच, गुणवत्ता, जवाबदेही जैसे प्रमुख स्तंभों पर विकसित की गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षक ज्ञान को अपने तक सीमित न रखें, बल्कि इसे विद्यार्थियों तक पहुंचाएं ताकि ज्ञानवान, प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का निर्माण हो जो दुनिया में देश का नाम रोशन करें।
भाषा पृथ्वी संतोष
संतोष
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.