गुवाहाटी, 20 मई (भाषा) असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि ब्रिटिश कालीन तीन कानूनों की जगह लेने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों को अधिक मानवीय सोच के साथ तैयार किया गया है।
कटारिया ने रविवार को यहां विधि और न्याय मंत्रालय के विधि कार्य विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में यह बात कही। सम्मेलन का विषय था- ‘दंड न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगति पथ’।
देश में एक जुलाई से तीन नये आपराधिक कानूनों को लागू किया जाएगा।
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, कटारिया ने सम्मेलन में अपने समापन भाषण में कहा कि इस आयोजन से प्राप्त जानकारियां नये कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण होंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ये कानून पूर्ववर्ती उपनिवेश कालीन कानूनों से बहुत अलग हैं। ये प्रत्येक भारतीय में औपनिवेशिक विरासत के अंशों को समाप्त करने का गौरव भरते हैं।’’
राज्यपाल ने ‘हिट एंड रन’ मामलों, महिलाओं के खिलाफ अपराधों और राजद्रोह के कानून को समाप्त करने जैसे मामलों से संबंधित विशेष प्रावधानों का उल्लेख करते हुए इन कानूनों के मानवीय पक्ष को रेखांकित किया।
गोहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई ने कहा कि नए कानून देश की विधि प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में प्रगतिशील कदम हैं।
उन्होंने कहा कि इन कानूनों के प्रभाव को समय के साथ परखा जाएगा और आवश्यक सुधार किए जाएंगे।
भाषा वैभव मनीषा
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