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Saturday, 11 October, 2025
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नए आपराधिक कानून भारत में 21वीं सदी के सबसे बड़े सुधार : अमित शाह

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(तस्वीरों के साथ)

कुरुक्षेत्र, तीन अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों का क्रियान्वयन 21वीं सदी में देश में हुआ सबसे बड़ा सुधार है।

शाह ने कहा कि नए कानून न्याय प्रदान करने की प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध बनाएंगे तथा 2026 के बाद से प्राथमिकी के उपरांत औसतन उनका तीन साल में निस्तारण कर दिया जाएगा।

शाह ने रेखांकित किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले केंद्र द्वारा बनाए गए नए कानून – भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) देश में आपराधिक-न्याय प्रणाली को बदलने जा रहे हैं।

बीएनएस, बीएनएसएस और बीएसए ने एक जुलाई 2024 को क्रमशः औपनिवेशिक काल की भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लिया।

शाह हरियाणा के कुरुक्षेत्र में तीन नए आपराधिक कानूनों पर एक सप्ताह तक चलने वाली प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने हरियाणा के लिए लगभग 825 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।

गृह मंत्री ने कहा कि लोगों में यह धारणा है कि अगर वे पुलिस थाने जाएंगे तो उन्हें वर्षों तक न्याय नहीं मिलेगा।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 2026 के बाद किसी भी प्राथमिकी का निपटारा औसतन तीन साल में हो जाएगा और न्याय सुनिश्चित होगा।’’

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई क्षेत्रों में सुधार किए हैं लेकिन तीन आपराधिक कानूनों का अधिनियमन 21वीं सदी में देश का सबसे बड़ा सुधार है। उन्होंने कहा कि मोदी ने कहा था,‘‘नागरिक पहले, सम्मान पहले, न्याय पहले’’ और कानून इसी सिद्धांत के आधार पर बनाए गए हैं।

शाह ने कहा कि नये कानूनों के लागू होने के एक वर्ष में देश भर में दर्ज 53 प्रतिशत आपराधिक मामलों में आरोप पत्र 60 दिनों के भीतर, 65 प्रतिशत मामलों में आरोप पत्र 90 दिनों के भीतर दायर किये गये, जबकि हरियाणा में 71 प्रतिशत आरोप पत्र 60 दिनों के भीतर तथा 83 प्रतिशत आरोप पत्र 90 दिनों के भीतर दायर किये गये।

शाह ने कहा कि नये आपराधिक कानून के लागू होने के बाद हरियाणा में दोषसिद्धि की दर दोगुनी होकर 80 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हरियाणा सरकार को बधाई देता हूं कि मैंने 75 प्रतिशत दोषसिद्धि दर हासिल करने की बात कही थी, आपने इसे 80 प्रतिशत तक पहुंचा दिया है।’’

उन्होंने कहा कि नए कानूनों के तहत तीन साल के भीतर न्याय सुनिश्चित किया जाएगा और अदालतों में ‘तारीख पे तारीख’ नहीं होगी।

गृह मंत्री ने इन कानूनों को तैयार करने की प्रक्रिया का नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा कि ये कानून न्याय प्रदान करने को प्राथमिकता देते हैं जबकि औपनिवेशिक काल के कानूनों में दंडात्मक कार्रवाई को प्राथमिकता दी जाती थी।

शाह ने कहा कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों का उद्देश्य भारत में अपना शासन बनाए रखना था, न कि देश के लोगों का कल्याण सुनिश्चित करना। उन्होंने कहा, ‘‘हमें 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली, लेकिन 1860 के दशक में ब्रिटिश संसद में अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों से छुटकारा नहीं मिला।’’

नये कानूनों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि आज पुलिस ‘लाठी’ और ‘थर्ड डिग्री’ के बजाय आंकड़ों और वैज्ञानिक साक्ष्यों पर काम करती है। उन्होंने कहा कि इन नये कानूनों के माध्यम से पुलिस, कारागार, न्यायपालिका, अभियोजन और फोरेंसिक को ऑनलाइन जोड़ा गया है।

शाह ने यह भी बताया कि ई-प्राथमिकी और ‘जीरो प्राथमिकी’ की बदौलत महिलाओं को शिकायत दर्ज कराने के लिए अब पुलिस थाना जाने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि सात वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले प्रत्येक अपराध में फोरेंसिक जांच अनिवार्य कर दी गई है।

गृह मंत्री ने कहा कि भीड़ हिंसा, आतंकवाद, संगठित अपराध और डिजिटल अपराध जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि नए कानून में देश छोड़कर भागे आरोपी के खिलाफ उसकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाने का प्रावधान है।

शाह ने कहा कि लगभग 14.8 लाख पुलिस कर्मियों, 42,000 जेल कर्मचारियों, 19,000 न्यायिक अधिकारियों और 11,000 से अधिक सरकारी अभियोजकों को नए कानूनों के बारे में जागरूक किया गया है।

इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि मोदी सरकार दिवाली से पहले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार लेकर आई है।

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोगों से स्वदेशी वस्तुएं खरीदने का आग्रह किया है।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वदेशी का मंत्र दिया था।

शाह ले कहा कि मोदी का ‘स्वदेशी’ अभियान 2047 तक ‘भारत को महान बनाने’का मार्ग प्रशस्त करेगा।

उन्होंने कहा कि यदि 140 करोड़ भारतीय केवल यहां बने उत्पाद ही खरीदें तो यह दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा और देश की अर्थव्यवस्था और बढ़ेगी।

गृह मंत्री ने कहा कि 2047 तक भारत को दुनिया के प्रत्येक क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस यात्रा का मार्ग स्वदेशी और आत्मनिर्भरता से होकर गुजरता है।

यहां प्रदर्शनी में नए कानूनों के तहत अपराध स्थल की जांच का लाइव प्रदर्शन भी किया गया।

शाह ने कहा, ‘‘यदि आप प्रदर्शनी में गए होंगे तो आपको पता होगा कि एक हत्या के आरोपी को 112 दिनों के भीतर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया।’’

प्रदर्शनी में नए कानूनों की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है तथा विभिन्न विभागों की भूमिकाओं पर प्रकाश डाला गया है। इसे 10 विषयगत खंडों में विभाजित किया गया है।

भाषा धीरज रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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