मुंबई, 14 जून (भाषा) अभिनेत्री काजोल का कहना है कि 1990 के दशक में अभिनय शुरू करने के बाद से ही काम और जीवन के बीच संतुलन बनाए रखना उनकी प्राथमिकता रही है और परिवार तथा निर्माताओं के सहयोग से यह सफर आसान हो गया।
अभिनेत्री (50) ने ‘पीटीआई भाषा’ को दिए साक्षात्कार में बताया, “मैं उन कुछ लोगों में से एक थी जो एक समय में एक ही फिल्म पर काम करते थे; मैंने (अन्य कलाकारों की तरह) एक ही समय में चार फिल्में नहीं कीं। मैं एक फिल्म खत्म करती थी, फिर दूसरी शुरू करती थी। मैं 20 या 30 घंटे काम नहीं करती थी। मैं हमेशा बहुत स्पष्ट थी कि हम केवल एक निश्चित समय तक ही काम करेंगे और मेरी मां ने भी इसमें मेरा पूरा साथ दिया।’
अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म ‘स्पिरिट’ छोड़ने के पीछे का कारण अन्य शर्तों के अलावा आठ घंटे काम करने की शिफ्ट पर सहमति न होना है, जिससे फिल्म उद्योग में शूटिंग के घंटों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
काजोल अगली बार हॉरर थ्रिलर ‘मां’ में नजर आएंगी। उन्होंने कहा कि पति अजय देवगन के साथ पहली संतान न्यासा को जन्म देने के बाद भी उनके साथ यही चर्चा हुई थी।
अभिनेत्री ने कहा, ‘मुझे याद है कि इस पर चर्चा हुई थी और मुझे लगता है कि अधिकांश निर्माता इतना (समझते) हैं कि वे दोबारा विचार भी नहीं करते।’
अपने अतीत के अनुभव साझा करते हुए काजोल ने बताया कि जब भी उन्हें निजी जीवन में किसी चुनौती का सामना करना पड़ा, फिल्म निर्माताओं ने उनकी स्थिति को समझा और जरूरत पड़ने पर समय से पहले शूटिंग सेट छोड़ने की अनुमति दी।
उन्होंने कहा, ‘मुझे ‘यू मी और हम’ (2008) की शूटिंग याद है और उस समय मेरे पिता अस्पताल में थे और न्यासा दो साल की थी, इसलिए यह दोहरी चुनौती थी। लेकिन अजय ने निर्माता होने के नाते इसे संभाल लिया; उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया कि मैं जल्दी घर जाऊं, ताकि मैं अस्पताल जा सकूं। इस तरह हमने काम और जीवन के बीच संतुलन बनाए रखा, जैसा कि आपने कहा।
अभिनेत्री ने कहा, ‘यहां तक कि जब मैं ‘फना’ (2006) कर रही थी तब भी सभी लोग बिना किसी समस्या के या यहां तक कि अनुबंध में लिखे बिना बहुत सहजता से काम कर रहे थे। इसलिए मेरे पास शानदार अनुभव रहे हैं। अधिकांश समय लोग स्थिति समझते हैं और उसके अनुसार काम करते हैं।’
काजोल ने कहा, ‘मैं पिछले 34 वर्षों से काम कर रही हूं और मुझे लगता है कि अपने 33वें वर्ष में मैंने पिछले कुछ वर्षों से अधिक काम किया है। इसलिए यह काफी दिलचस्प वर्ष रहा है।’
भाषा
शुभम प्रशांत
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