लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने रविवार को बलरामपुर जिले में दो व्यक्तियों को एक शव को राप्ती नदी में फेंकने के आरोप में गिरफ्तार किया है. दरअसल जिले में मानवता को शर्मसार करने वाला एक दृश्य सामने आया है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कोरोना संक्रमित चाचा का शव भतीजे ने एक साथी की मदद से राप्ती नदी में फेंक दिया.
वीडियो वायरल होने पर अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की जिसमें पता चला कि एल-टू अस्पताल में भर्ती हुए व्यक्ति की देर शाम मौत हो गई थी.
कोरोना त्रासदी की तस्वीरें रुला देती है। बलरामपुर की राप्ती नदी में कोरोना संक्रमित का शव फेंकते हुए वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें PPE किट पहनकर पुल के ऊपर से लाश को फेंका जा रहा है।ये वीभत्सता हृदय विदारक है।वीडियो नगर के सिसई घाट के पास स्थित पुल का है।
Video Cre : @iamdevv23 pic.twitter.com/7FAl6LfjUZ— Dr.Ashutosh Verma Patel (@DrVermaAshutosh) May 30, 2021
बलरामपुर के एडिशनल एसपी अरविंद मिश्रा ने बताया कि शव फेंकने वाले दोनों लोगों की पहचान हो गई है. इनमें से एक मृतक के परिवार का ही सदस्य है.
उन्होंने बताया, ‘इन दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है लेकिन शव को क्यों फेंका गया ये जांच का विषय है और पुलिस जांच में जुटी है.’
सीएमओ की तहरीर पर मृतक के भतीजे व एक अन्य के विरुद्ध महामारी अधिनियम व अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ है. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है.
सीएमओ डॉ. विजय बहादुर सिंह ने अपने बयान में बताया कि राप्ती नदी में फेंका गया शव सिद्धार्थनगर जिले के शोहरतगढ़ के रहने वाले प्रेमनाथ मिश्र का है. 25 मई को कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 28 मई को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. इसके बाद कोविड प्रोटोकॉल के तहत शव उनके भतीजे संजय को सौंपा गया था, लेकिन उसने शव नदी में फेंक दिया.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, संजय ने शव लेते वक्त खुद को प्रेमनाथ का भतीजा बताया था. उसने राप्ती नदी घाट तक शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगी थी. कुछ लोग गाड़ी में बैठकर शव लेने आए थे. एंबुलेंस चालक को शव राप्ती नदी तक पहुंचाने की अनुमति दी गई थी.
बीते दिनों कई ऐसे मामले आए जब अंतिम संस्कार करने में लोगों को आ रही दिक्कतों के बाद शवों को दफना दिया गया. प्रयागराज, उन्नाव समेत राज्य के कई जिलों में गंगा किनारे बड़ी संख्या में बालू में शवों को दफनाया जाने की तस्वीरें वायरल हुईं. कई जिलों से नदी में शवों के बहने के वीडियो भी वायरल हुए थे जिनका कारण आजतक स्पष्ट नहीं हो पाया है.
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