बेंगलुरु: कर्नाटक में एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा एक हिंदू महिला की चाकू मारकर हत्या किए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है और ‘लव जिहाद’ के आरोपों ने आग को हवा दे दी है. वहीं आरोपी की मां ने यह कहकर कि वह महिला के साथ लगभग एक साल से रोमांटिक रिलेशन में था, उन आरोपों को झुठलाने की कोशिश की है कि उसकी सलाह को अस्वीकार करने के कारण उसकी हत्या कर दी गई.
23 वर्षीय कॉलेज ड्रॉपआउट और अब हत्या के आरोपी फयाज खोंडुनाईक की मां मुमताज ने शनिवार को मीडिया को बताया कि उनका बेटा कांग्रेस के हुबली धारवाड़ नगर निगम (एचडीएमसी) के पार्षद निरंजन हीरेमठ की बेटी नेहा हीरेमठ के साथ रोमांटिक रिलेशन में था. हुबली के बीवीबी कॉलेज में गुरुवार को फैयाज ने 23 वर्षीय एमसीए प्रथम वर्ष की छात्रा की चाकू मारकर हत्या कर दी.
मुमताज ने कहा, ”वे दोनों प्यार में थे, मुझे इसके बारे में एक साल पहले पता चला.” आरोपी की मां ने दावा किया कि नेहा ने ही सबसे पहले फ़ैयाज़ से संपर्क किया था क्योंकि वह ‘बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करता था.’
मुमताज ने कहा, “वह घर आता था और मुझे बताता था कि अक्सर लड़कियां उससे संपर्क करती हैं… उसने नेहा नाम की एक लड़की का जिक्र किया था. मेरे बेटे को कानून का सामना करना चाहिए.”
इस घटना के बाद पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. कई हिंदूवादी संगठनों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे ‘लव जिहाद’ का मामला करार दिया. भाजपा ने कानून-व्यवस्था से निपटने के तरीके को लेकर राज्य की कांग्रेस सरकार को घेरने के लिए भी इस घटना का हवाला दिया.
इस बीच, नेहा के पिता निरंजन हीरेमठ ने आरोप लगाया है कि उसकी हत्या इसलिए की गई क्योंकि उसने फैयाज का प्रस्ताव ठुकरा दिया था. उन्होंने फैयाज की मां की सार्वजनिक माफी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अब माफी मांगने का कोई मतलब नहीं है.
मुमताज ने यह भी दावा किया कि उनका बेटा कॉलेज छोड़ने के बाद से डिप्रेशन में था, जिस पर हीरेमठ ने जवाब दिया: “अगर उन्होंने (माता-पिता) हमें बताया होता या हमें फैयाज की मानसिक स्थिति के बारे में बताया होता, तो हम सावधानी बरत सकते थे और अपनी बेटी को सुरक्षित रख सकते थे. अब माफ़ी मांगना कितना उचित है?”
कर्नाटक की 28 लोकसभा सीटों में से आधी सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होना है, जबकि शेष 14 सीटों पर तीसरे चरण (7 मई) में मतदान होगा. इस पृष्ठभूमि में, कई भाजपा नेताओं ने इस घटना को कांग्रेस की ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ का परिणाम बताया.
केंद्रीय मंत्री और हुबली-धारवाड़ से भाजपा उम्मीदवार प्रह्लाद जोशी ने सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर इस तरह की कार्रवाइयों का बचाव करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
जोशी ने शनिवार को मीडिया से कहा,“जिस तरह से यह सरकार व्यवहार कर रही है. जब विधान सौध में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया गया, तो उन्होंने कैसे प्रतिक्रिया दी? और, जब बेंगलुरु में हनुमान चालीसा का उच्चारण किया गया (बजाया गया) तो उन्होंने कैसा व्यवहार किया? उन्होंने रामेश्वरम कैफे में आतंकवादियों को क्या कहा? ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार चीजों को लापरवाही से ले रही है.”
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कांग्रेस सरकार ने “दोषियों का समर्थन करने, आरोपियों को बचाने की कोशिश की क्योंकि यह उनका वोट बैंक है”.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शनिवार को बेंगलुरु में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए इस घटना का जिक्र किया. “कांग्रेस जिस तरह की सोच को बढ़ावा दे रही है, वह बहुत खतरनाक है. यहां हमारी बेटियों पर हमले हो रहे हैं, हमारे बाजारों में बम फूट रहे हैं, भजन सुनने पर हमले हो रहे हैं. ये सामान्य घटनाएं नहीं हैं.”
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