(गुंजन शर्मा)
नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) शिक्षा मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठकें कर रहा है कि आगामी मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी’ में किसी तरह की गड़बड़ी न हो।
यह महत्वपूर्ण परीक्षा 4 मई को निर्धारित है जो देश भर में 550 से अधिक शहरों तथा 5,000 से अधिक केंद्रों पर आयोजित की जाएगी।
पिछले वर्ष की राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट)-यूजी में प्रश्नपत्र लीक होने सहित कथित अनियमितताओं के बाद मंत्रालय एक पूरी तरह चाक चौबंद योजना पर काम कर रहा है।
इस संबंध में एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘नीट-यूजी का सुचारू, निष्पक्ष और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ कई बैठकें की गई हैं। सामग्री के परिवहन, सुरक्षा और जोखिम प्रतिक्रिया संबंधी प्रबंधन के लिए जिलास्तरीय समन्वय समितियों को पूरी तरह सक्रिय किया जा रहा है।’’
सूत्र ने कहा, ‘‘केंद्रों पर एनटीए द्वारा निर्दिष्ट सुरक्षा के अलावा जिला पुलिस द्वारा बहुस्तरीय तलाशी ली जाएगी। प्रश्नपत्रों और ओएमआर शीट जैसी गोपनीय सामग्री का परिवहन चाक चौबंद पुलिस सुरक्षा के तहत होगा। संगठित धोखाधड़ी नेटवर्क को रोकने के लिए कोचिंग केंद्रों और डिजिटल प्लेटफॉर्म की निगरानी की जाएगी।’’
सभी परीक्षा केन्द्रों के अनिवार्य निरीक्षण के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किए जा रहे हैं, जबकि तैयारियों का आकलन करने के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक परीक्षा केन्द्रों का व्यक्तिगत दौरा करेंगे।
नीट-यूजी और पीएचडी प्रवेश परीक्षा नेट में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं के घेरे में आने के बाद केंद्र ने पिछले साल राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए समिति गठित की थी।
पिछली बार नीट-यूजी कथित तौर पर प्रश्नपत्र लीक होने सहित सहित कई अनियमितताओं को लेकर जांच के दायरे में रहा, तो यूजीसी-नेट (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग – राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा) को इसलिए रद्द कर दिया गया क्योंकि मंत्रालय को इसकी शुचिता से समझौता किए जाने की जानकारी मिली थी।
दोनों मामलों की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है।
दो अन्य परीक्षाओं – सीएसआईआर-यूजीसी नेट और नीट-पीजी को एहतियात के तौर पर अंतिम समय में रद्द कर दिया गया था।
भाषा नेत्रपाल नरेश
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