(तस्वीरों के साथ)
नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) देश में रविवार को 2,42,000 से ज़्यादा अभ्यर्थी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातकोत्तर (नीट-पीजी) में शामिल हुए।
यह परीक्षा विभिन्न स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड (एनबीईएमएस) द्वारा आयोजित की जाती है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि परीक्षा एक ही पाली में 301 शहरों के 1,052 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई।
अभ्यर्थियों की संख्या के लिहाज से यह भारत की सबसे बड़ी कंप्यूटर-आधारित परीक्षा है जो एक ही पाली में आयोजित की गई है।
एनबीईएमएस ने अनुचित साधनों के प्रयोग की किसी भी संभावना को समाप्त करने के लिए विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और मान्यता प्राप्त अस्पतालों के 2,200 से अधिक संकाय सदस्यों को नियुक्त किया था।
एनबीईएमएस ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को पत्र लिखकर सभी परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त कानून-व्यवस्था, साइबर सुरक्षा और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया। इस संबंध में जिला प्रशासन और पुलिस से भी सहायता मांगी गई।
परीक्षा केंद्रों पर किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए एनबीईएमएस ने गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) से सहायता ली।
अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न परीक्षा केंद्रों, विशेषकर संवेदनशील केंद्रों पर किसी भी प्रकार की नकल रोकने के लिए लगभग 300 साइबर कमांडो तैनात किए गए।
एनबीईएमएस ने सभी परीक्षा केंद्रों से प्राप्त सीसीटीवी फीड को वास्तविक समय में लगातार देखने के लिए अपने कार्यालय में 200 से अधिक कर्मियों को तैनात किया था।
वरिष्ठ संकाय सदस्य, मेडिकल कॉलेजों के डीन-निदेशक और एनबीईएमएस शासी निकाय के सदस्यों ने उड़नदस्ते के रूप में परीक्षा केंद्रों का दौरा किया।
सभी परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त संख्या में ‘मोबाइल सिग्नल जैमर’ लगाकर मोबाइल सिग्नल अवरुद्ध कर दिए गए थे।
भाषा शोभना नेत्रपाल
नेत्रपाल
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