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Friday, 31 October, 2025
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सीतामढ़ी में सीता जन्मभूमि को ‘विश्वस्तरीय आध्यात्मिक नगरी’ के रूप में विकसित करेगा राजग

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पटना, 31 अक्टूबर (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को जारी अपने घोषणा पत्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने वादा किया कि यदि गठबंधन को फिर से सत्ता में आने का अवसर मिलता है, तो वह सीतामढ़ी जिले में स्थित देवी सीता की जन्मस्थली ‘पुनौरा धाम जानकी मंदिर’ को ‘विश्वस्तरीय आध्यात्मिक नगरी’ के रूप में विकसित करेगा।

यह घोषणा उस समय आई है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगस्त माह में पुनौरा धाम में भव्य ‘माता जानकी मंदिर’ के निर्माण की आधारशिला रखी थी। यह मंदिर 67 एकड़ भूमि पर विकसित किया जा रहा है और इसका निर्माण उत्तर प्रदेश के अयोध्या स्थित राम मंदिर की तर्ज पर किया जा रहा है।

घोषणा पत्र में कहा गया है, “यदि बिहार में राजग को दोबारा जनादेश मिला, तो मां जानकी की पावन जन्मभूमि सीतामढ़ी को ‘सीतापुरम’ नामक विश्वस्तरीय आध्यात्मिक नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा।”

हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस स्थल पर पहुंचते हैं, जो सीतामढ़ी जिले के पश्चिम में लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

बिहार मंत्रिमंडल ने इस वर्ष एक जुलाई को मंदिर परिसर के समग्र विकास के लिए 882.87 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की थी। अधिकारियों के अनुसार, इनमें से 137 करोड़ रुपए पुराने मंदिर और उसके प्रांगण के विकास पर खर्च किए जाएंगे, जबकि 728 करोड़ रुपए पर्यटन से जुड़ी परियोजनाओं के विकास कार्यों में लगाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, अगले दस वर्षों के लिए व्यापक रखरखाव कार्यों पर 16 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

इस परियोजना को बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (बीएसटीडीसी) द्वारा लागू किया जाएगा।

राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए ‘श्री जानकी जनमभूमि पुनौरा धाम मंदिर न्यास समिति’ नामक नौ सदस्यीय न्यास का गठन किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जून में मंदिर के विकास का अंतिम डिज़ाइन जारी किया था।

सरकार ने नोएडा-स्थित एक निजी फर्म को इस परियोजना के लिए ‘डिज़ाइन कंसल्टेंट’ नियुक्त किया है। यह वही फर्म है जिसने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में ‘राम जन्मभूमि न्यास मंदिर’ की मास्टर प्लानिंग और वास्तु परामर्श सेवाएं भी प्रदान की थीं।

अधिकारियों के अनुसार, मां जानकी कुंड का सौंदर्यीकरण कार्य भी इस परियोजना के अंतर्गत किया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर परिसर में ‘परिक्रमा पथ’, ‘यज्ञ मंडप’, संग्रहालय, सभागार, कैफेटेरिया, बच्चों के लिए खेल परिसर और धर्मशाला जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।

भाषा कैलाश

मनीषा

मनीषा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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