scorecardresearch
Friday, 29 March, 2024
होमदेशNDA ने नये संसद भवन के उद्घाटन पर 19 दलों के बहिष्कार की निंदा की, मायावती का भी मिला साथ

NDA ने नये संसद भवन के उद्घाटन पर 19 दलों के बहिष्कार की निंदा की, मायावती का भी मिला साथ

एनडीए की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 'यह कदम अपमानजनक है; यह हमारे महान राष्ट्र के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है.'

Text Size:

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह 28 मई को नये संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वाले 19 राजनीतिक दलों के फैसले की पूरी तरह निंदा करता है. उसने इसे देश के लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों का अपमान बताया है. गठबंधन ने एक बयान जारी कर यह बात कही है.

एनडीए की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘यह कदम अपमानजनक है; यह हमारे महान राष्ट्र के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है.’

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की नेता बृंदा करात ने इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में एनडीए कहीं नहीं दिखा. मैंने उनका बयान पढ़ा है लेकिन वे मुख्य सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं कि इस तरह के समारोह में राष्ट्रपति की जगह प्रधानमंत्री क्यों.’ इसका क्या तर्क है? … मुझे लगता है कि जवाब देने के बजाय सिर्फ आरोप लगाना, आश्वस्त करने वाला नहीं है. हम इसे खारिज करते हैं.’

एनडीए के बयान में कहा गया है, ‘संविधान एक पवित्र संस्था है, यह हमारे लोकतंत्र का धड़कता दिल है और यह हमारे नागिरकों के जीवन को आकार देने के लिए फैसला लेने का केंद्र है. इस संस्था के प्रति ऐसा घोर अनादर न केवल बौद्धिक दिवालिएपन को दिखाता है बल्कि लोकतंत्र के मूलतत्व के लिए एक निराशजनक अवमानना ​​​​है.’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

इसमें कहा गया है, ‘अफसोस की बात है कि इस तरह के तिरस्कार का यह पहला उदाहरण नहीं है. पिछले 9 वर्षों में, इन विपक्षी दलों ने बार-बार संसदीय प्रक्रियाओं के प्रति तुच्छ सम्मान दिखाया है, बाधित किया, महत्वपूर्ण विधेयकों के दौरान वाकआउट किया, और संसदीय कर्तव्यों के प्रति अपना एक चिंताजनक रवैया दिखाया है. यह हालिया बहिष्कार लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की एक और अवहेलना है.’

उनके कार्यों के लिहाज से संसदीय मर्यादा का उपदेश देने का इन विपक्षी दलों की धृष्‍टता संवैधानिक मूल्यों के उपहास से कम नहीं हैं.

वहीं बसपा ने नये संसद भवन के उद्घाटन का स्वागत किया है इसे दलगत राजनीति से ऊपर बताया है. बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट किया है, ‘…बीएसपी 28 मई को उद्घाटन होने वाले नये संसद भवन का स्वागत करती है…राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भवन का उद्घाटन न किए जाने को लेकर समारोह का बहिष्कार करना अनुचित है…मैं समारोह का निमंत्रण देने के लिए धन्यवाद देती हूं और अपनी शुभकामनाएं देती हूं, लेकिन मैं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम की वजह से समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी.’

बसपा प्रमुख मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर नये संसद भवन के उद्घाटन का समर्थन किया है. उन्होंने लिखा है कि केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है तथा 28 मई को संसद के नये भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है.

मायावती बोलीं- सरकार ने बनाया है तो वही करेगी उद्घाटन

उन्होंने मोदी द्वारा नये संसद भवन के उद्घाटन किए जाने को लेकर कहा कि सरकार ने इसको बनाया है इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है. इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित. यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था. उन्होंने कहा कि किन्तु पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सम्बंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी.

वहीं इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा था कि भारत के मजबूत लोकतंत्र को नई संसद की इमारत मिल रही है, 140 करोड़ भारतीय गौरवान्वित हैं और इस ऐतिहासिक पल में कुछ विपक्षी पार्टियां हैं, जो नज़र बट्टू मात्र बनकर रह गई हैं. हर ऐतिहासिक पल का विरोध करना इनका चरित्र बन गया है.


यह भी पढ़ें : हिजाब बैन पर प्रियांक खड़गे बोले- जो बिल कर्नाटक की छवि खराब करेगा उसे रद्द करेंगे, जानें पूरा मामला


 

share & View comments