कोलकाता, 18 मई (भाषा) राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (एनसीएसएम) के संस्थापक महानिदेशक सरोज घोष का अमेरिका के सिएटल में निधन हो गया। एनसीएसएम ने रविवार को यह जानकारी दी।
वह 89 वर्ष के थे।
पद्म भूषण से सम्मानित घोष का 17 मई को निधन हुआ। उनके परिवार ने बताया कि उनकी इच्छा के अनुसार उनके पार्थिव देह को वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए वाशिंगटन विश्वविद्यालय को दान कर दिया गया है।
एनसीएसएम ने कहा, ‘‘उनके निधन से भारत ने एक दूरदृष्टा को खो दिया है जिन्होंने अनौपचारिक शिक्षा के माध्यम से समाज में वैज्ञानिक सोच की नींव रखी। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।’’
एनसीएसएम के संस्थापक महानिदेशक घोष ने 1979 से 1997 तक इस पद पर सेवा दी और विज्ञान केंद्रों का राष्ट्रव्यापी नेटवर्क बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्हें ‘‘भारतीय विज्ञान संग्रहालयों के भीष्म पितामह’’ के रूप में जाना जाता है। घोष ने भारत में विज्ञान संचार के विकेंद्रीकृत मॉडल की अवधारणा बनाने और उसे क्रियान्वित करने में अग्रणी भूमिका निभाई, जिससे विज्ञान लाखों लोगों के लिए और सुलभ हो गया।
उनके योगदान में कोलकाता में साइंस सिटी, नयी दिल्ली में राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र और मुंबई में नेहरू विज्ञान केंद्र जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का विकास शामिल है। सेवानिवृत्ति के बाद, वह नयी दिल्ली में संसद संग्रहालय और राष्ट्रपति भवन संग्रहालय, कोलकाता में टाउन हॉल संग्रहालय और अहमदाबाद में गुजरात विज्ञान शहर जैसी प्रमुख परियोजनाओं में भी शामिल रहे।
हार्वर्ड के पूर्व छात्र घोष को 1989 में पद्मश्री और 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने पेरिस में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद (आईसीओएम) के अध्यक्ष के रूप में भी सेवा दी।
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