scorecardresearch
Monday, 30 September, 2024
होमदेशएनसीआर के गैर पीएनजी उद्योगों को जैव ईंधन की तरफ बढ़ना होगा : वायु गुणवत्ता आयोग

एनसीआर के गैर पीएनजी उद्योगों को जैव ईंधन की तरफ बढ़ना होगा : वायु गुणवत्ता आयोग

Text Size:

नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने निर्देश दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ऐसे उद्योग जहां पीएनजी के लिए बुनियादी ढांचा और आपूर्ति उपलब्ध नहीं है, उन्हें साल के अंत तक पूरी तरह से जैव ईंधन पर संचालन की तरफ बढ़ना होगा।

आयोग ने यह भी कहा है कि जैव ईंधन वाले बॉयलर को लेकर पार्टिकुलेट मैटर (अति सूक्ष्म कण) के लिए अधिकतम मान्य उत्सर्जन मानक 80 मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होना चाहिए।

सीएक्यूएम के नए निर्देशों में कहा गया है हालांकि, ऐसे उद्योग अपनी तकनीकी आवश्यकताओं के आधार पर उपयुक्त प्रौद्योगिकी उन्नयन और आवश्यक वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की स्थापना के जरिए 50 मिलीग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के उत्सर्जन स्तर का लक्ष्य रखेंगे।

नियमित आधार पर कृषि अवशेषों, जैव ईंधन के उपयोग की तरफ बढ़ते समय, एनसीआर में ऐसे सभी उद्योगों को अतिरिक्त शर्तों के साथ संबंधित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से परिचालन के लिए आवेदन करना होगा और मंजूरी लेनी होगी। विशेष रूप से अति सूक्ष्म कण के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए जैव ईंधन और उत्सर्जन मानकों के निर्धारित स्तर का पालन करना होगा।

आयोग ने पूर्व में एनसीआर में पाइप्ड नैचुरल गैस (पीएनजी) या स्वच्छ ईंधन का उपयोग नहीं करने वाले उद्योगों के संचालन को सप्ताह में केवल पांच दिन तक सीमित कर दिया था। बाद में आयोग को पीएनजी के अलावा जैव ईंधन के उपयोग की अनुमति को लेकर विभिन्न संगठनों, एसोसिएशन और लोगों से आवेदन मिले, जिसमें कहा गया कि जैव ईंधन कोयले जैसे जीवाश्म ईंधन की तुलना में अधिक पर्यावरण के अनुकूल हैं।

सीएक्यूएम ने कहा कि वर्तमान में बॉयलर संचालन के लिए जैव ईंधन का इस्तेमाल करने वाले उद्योगों से पीएम उत्सर्जन के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि कार्बन उत्सर्जन के मामले में जैव ईंधन पारंपरिक जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला, डीजल तेल की तुलना में बहुत बेहतर है।

भाषा आशीष नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments