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Tuesday, 28 October, 2025
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एनसीपीओआर ने समुद्री तलछट पर शोध के लिए सहयोग मांगा

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पणजी, 28 अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केंद्र (एनसीपीओआर) ने भारत के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) से एकत्रित ‘सेडिमेंट कोर’ के नमूनों का उपयोग करके सहयोगात्मक अध्ययन करने के लिए विश्वविद्यालयों और वैज्ञानिक संस्थानों को आमंत्रित किया है।

संस्थान की वेबसाइट के अनुसार, गोवा में स्थित एनसीपीओआर कई सहयोगी संस्थानों के सहयोग से ‘भारत के ईईजेड के भूवैज्ञानिक अध्ययन’ पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।

वेबसाइट पर बताया गया है कि कई वैज्ञानिक अभियानों के दौरान इस कार्यक्रम के तहत व्यापक समुद्री भूवैज्ञानिक डेटा तैयार किया गया है और 500 मीटर से अधिक गहरे पानी वाले क्षेत्रों से व्यवस्थित रूप से संग्रहित तलछट (सेडिमेंट) के नमूने एकत्र किए हैं।

संस्थान के अनुसार इन संग्रहित नमूनों से पिछली कई राष्ट्रीय शोध परियोजनाओं में मदद मिली है, जिसके परिणामस्वरूप कई प्रकाशन, डॉक्टरेट शोध और समुद्री भूविज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण लाभ हुआ है।

एनसीपीओआर ने कहा, ‘इन नमूनों के आधार पर जलवायु और मानसूनी बदलाव, तलछट (सेडीमेंटेशन) और उनके स्रोत, समुद्री गतिविधियों, रिडॉक्स परिस्थितियों, और व्यापक प्राचीन महासागरीय प्रक्रियाओं जैसे विषयों पर शोध किया गया है।”

संस्थान ने कहा कि इन संरक्षित नमूनों के बेहतर उपयोग और वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एनसीपीओआर ने नए शोध प्रस्तावों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आमंत्रण का प्रस्ताव रखा है।

भाषा

जोहेब वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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