नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने जिला अधिकारियों से कहा है कि ‘अक्षय तृतीया’ के अवसर पर बाल विवाह को रोकने के लिए जागरुकता फैलाई जाए। एनसीपीसीआर ने कहा कि बाल विवाह के बारे में परिवारों से बातचीत करके उन्हें समझाया जाए तथा स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की सूची तैयार की जाए।
‘अक्षय तृतीया’ के मौके पर कई ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में कुछ समुदायों में बाल विवाह का चलन है।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने जिला अधिकारियों को लिखे एक पत्र में कहा है कि कई खबरों से पता चलता है कि बड़ी संख्या में बाल विवाह होते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको अवगत होना चाहिए कि बाल विवाह निषेध कानून, 2006 की धारा 13 (4) में प्रावधान है कि अक्षय तृतीया जैसे किसी मौके पर सामूहिक बाल विवाह के आयोजन को लेकर जिला अधिकारी को बाल विवाह निषेध अधिकारी माना जाएगा।’’
आयोग ने जिला अधिकारियों से कहा है कि वे गांव, नगर/वार्ड, जिला, तहसील स्तर पर जागरुकत कार्यक्रम चलाएं तथा स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की सूची बनाएं तथा ऐसे बच्चों की शिनाख्त करें जो बाल विवाह का शिकार हो सकते हैं।
एनसीपीसीआर ने जिला अधिकारियों से कहा है कि वे 20 अप्रैल तक विस्तृत विवरण मुहैया कराएं।
भाषा हक हक पवनेश
पवनेश
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