औरंगाबाद (महाराष्ट्र), 22 मार्च (भाषा) शिवसेना सांसद श्रीरंग बरने ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) महाराष्ट्र में सत्ता की सबसे बड़ी लाभार्थी है और राज्य सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना के कार्यकर्ताओं को भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।
महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं कांग्रेस और राकांपा भी इस गठबंधन का हिस्सा हैं।
बरने ने दावा किया कि राकांपा कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि वे पुणे जिले की अपनी मावल लोकसभा सीट को पार्थ पवार के लिए छोड़ दें और राज्यसभा चले जाएं। पार्थ पवार राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार के पुत्र हैं।
गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव में मावल सीट से बरने ने पार्थ पवार को हराया था।
जालना जा रहे बरने ने रास्ते में एक मराठी समाचार चैनल को बताया, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह मांग किसने की है। अगला लोकसभा चुनाव दो साल बाद होना है। हमें पता करना चाहिए कि यह (मावल सीट छोड़ने की) मांग किसने की है और किसने कहने पर की है। मावल लोकसभा क्षेत्र में एक विधानसभा सीट छोड़कर राकांपा की ताकत सीमित है। यह पता लगाना चाहिए कि क्या राकांपा जानबूझकर शिवसेना को भड़का रही है।’’
बरने ने आरोप लगाया कि उनके लोकसभा क्षेत्र के शिवसेना के कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
भाषा अर्पणा उमा
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