नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में दो फाड़ होने की बात स्वीकार करते हुए पार्टी के दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों को शुक्रवार को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने राकांपा नेता शरद पवार के खिलाफ विद्रोह कर दिया था और पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा करते हुए निर्वाचन आयोग का रुख किया था। राकांपा का चुनाव चिह्न घड़ी है।
आयोग के एक अधिकारी ने चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि रिकॉर्ड पर उपलब्ध संपूर्ण जानकारी पर उचित विचार-विमर्श करने के बाद आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि राकांपा में दो प्रतिद्वंद्वी समूह हैं जिनमें से एक का नेतृत्व शरद पवार और दूसरे का नेतृत्व अजित पवार के पास है।
अधिकारी के अनुसार, दोनों समूह असली राकांपा होने का दावा कर रहे हैं, इसलिए इस मामले में आयोग द्वारा ठोस तरीके से निर्धारण करने की आवश्यकता है।
इसी साल जुलाई की शुरुआत में महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के लिए चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करने से दो दिन पहले अजित पवार ने 30 जून को निर्वाचन आयोग से संपर्क किया था और पार्टी के नाम के साथ-साथ चुनाव चिह्न पर भी दावा किया था और बाद में 40 विधायकों के समर्थन के साथ खुद को पार्टी अध्यक्ष भी घोषित कर दिया था।
हाल में, शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने निर्वाचन आयोग को बताया था कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है, लेकिन कुछ लोग व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के लिए संगठन से अलग हो गए हैं।
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