नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण के सचिव ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और डीएएनआईसीएस के करीब एक दर्जन अधिकारियों के पद स्थापन और कुछ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हफ्तों तक लंबित रहने के बीच निकाय की बैठक आयोजित करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र लिखा है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्राधिकरण का गठन केंद्र ने अध्यादेश (जिसका स्थान अब जीएनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम-2023 ने ले लिया है) के जरिये दिल्ली सरकार के अधिकारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन के लिए किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) का अध्यक्ष मुख्यमंत्री हैं जबकि मुख्य सचिव और प्रधान सचिव (गृह) इसके सदस्य हैं।
अधिकारियों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) काडर के सात आईएएस अधिकारियों का अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरण किया गया है और वे जुलाई-अगस्त में नियुक्ति की तारीख होने के बावजूद पदस्थापन का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, मिजोरम और चंडीगढ़ से दिल्ली स्थानांतरित छह अन्य आईएएस अधिकारियों को भी यहां कार्यभार संभालने के बाद अलग-अलग विभागों में स्थानांतरित किया जाना है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली-अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह सिविल सेवा (डीएएनआईसीएस) के दो अधिकारियों की तैनाती मई और जून में दिल्ली सरकार में की गई थी और वे अब भी दिल्ली सरकार में पदस्थापन का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि एनसीसीएसए को विज्ञापन एजेंसियों को कथित तौर पर अवैध भुगतान करने और रानी लक्ष्मीबाई फ्लाईओवर के निर्माण में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामलों में कई अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर भी निर्णय लेना है।
प्राधिकरण के सचिव के पत्र में उल्लेख किया कि एनसीसीएसए की स्थापना के बाद से इसकी आठ बैठक बुलाई गईं, जिनमें से पांच बैठक स्थगित कर दी गईं।
भाषा धीरज माधव
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