श्रीनगर, 11 अक्टूबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री पद के लिए मनोनीत उमर अब्दुल्ला ने यहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात कर शुक्रवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां)-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनाने का दावा पेश किया।
अब्दुल्ला ने सिन्हा के साथ अपनी मुलाकात के दौरान गठबंधन सहयोगियों की ओर से समर्थन पत्र प्रस्तुत किया।
अब्दुल्ला को बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से नेकां विधायक दल का नेता चुना गया, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में उनके दूसरे कार्यकाल का रास्ता साफ हो गया।
मुख्यमंत्री के रूप में उनका पहला कार्यकाल 2009 से 2014 तक रहा था और उस दौरान भी नेकां-कांग्रेस गठबंधन सरकार ही राज्य की सत्ता में थी।
जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीट के लिए तीन चरणों में हुए चुनाव में नेकां ने 42 सीट पर जीत हासिल की जबकि गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को छह सीट मिलीं।
हालांकि 95 सदस्यीय सदन में दोनों पार्टियों के पास बहुमत है लेकिन चार निर्दलीय और आम आदमी पार्टी (आप) के एकमात्र विधायक ने भी नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपना समर्थन दिया।
अब्दुल्ला ने राजभवन से लौटने के बाद अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल से नई सरकार के शपथ ग्रहण की तारीख जल्द से जल्द तय करने का अनुरोध किया।
मनोनीत मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने उपराज्यपाल से मुलाकात कर नेकां, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, ‘आप’ और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन पत्र प्रस्तुत किए। सभी ने नेकां का समर्थन किया है। मैंने उनसे (राज्यपाल) जल्द से जल्द एक तारीख तय करने का अनुरोध किया ताकि शपथ समारोह हो सके और लोगों द्वारा चुनी गई सरकार काम करना शुरू कर सके।”
उन्होंने कहा कि शपथ समारोह बुधवार को होने की संभावना है।
अब्दुल्ला ने कहा, “इस प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा। ऐसा नहीं है कि एक निर्वाचित सरकार दूसरी निर्वाचित सरकार की जगह ले रही है। यह एक केंद्रीय नियम है। हमारा केंद्र शासित प्रदेश हैं और उपराज्यपाल को दस्तावेज तैयार करके राष्ट्रपति भवन भेजना होता है।”
उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति भवन से दस्तावेज गृह मंत्रालय जाएंगे, जहां वे अपना कागजी काम करेंगे और फिर दस्तावेज वापस भेजे जाएंगे। हमें बताया गया है कि इसमें कम से कम दो-तीन दिन लगेंगे। मुझे उम्मीद है कि अगर यह प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो जाती है तो बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह होगा।”
भाषा जितेंद्र माधव
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