नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) ने उच्चतम न्यायालय को आश्वासन दिया है कि आम्रपाली समूह की रुकी हुई परियोजनाओं का निर्माण कार्य अच्छी गुणवत्ता का होगा और स्वतंत्र विशेषज्ञ सुरक्षा एवं गुणवत्ता मानकों का आकलन करेंगे।
आम्रपाली के कुछ घर खरीदारों द्वारा गुरुग्राम में एक आवासीय परियोजना में खराब गुणवत्ता के कार्यों के मद्देनजर अपनी चिंता व्यक्त करने को देखते हुए एनबीसीसी ने न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की पीठ को उक्त आश्वासन दिया। इस आवासीय परियोजना के निवासियों को इमारत खाली करने के लिए कहा गया है।
घर खरीदारों ने अधिवक्ता एम एल लाहोटी के माध्यम से आम्रपाली परियोजनाओं में एनबीसीसी द्वारा किए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता निगरानी सुनिश्चित करने में अदालत के हस्तक्षेप का अनुरोध किया।
सोमवार को एनबीसीसी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे ने कहा कि कंपनी अपने द्वारा किए गए कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और गुरुग्राम परियोजना के विवाद को आम्रपाली परियोजनाओं से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कंपनी निर्माण की गुणवत्ता के साथ कभी समझौता नहीं करेगी और इसने इमारतों की ढांचागत मजबूती की जांच के लिए एनआईटी-नागपुर और एनआईटी-जालंधर की सेवा ली है।
शीर्ष अदालत द्वारा ‘कोर्ट रिसीवर’ नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता एन वेंकटरमणि ने कहा कि हाल ही में गुरुग्राम की घटना के बाद कई घर खरीदार उन्हें आम्रपाली परियोजनाओं में निर्माण की गुणवत्ता पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए संदेश भेज रहे हैं।
लाहोटी ने इस बात का भी उल्लेख किया कि गुरुग्राम में एनबीसीसी की ‘ग्रीन व्यू’ परियोजना के लगभग 650 ऐसे घर खरीदार हैं, जिन्हें इस महीने के अंत तक इमारत खाली करने का नोटिस मिला है।
उन्होंने कहा कि आईआईटी-दिल्ली की एक रिपोर्ट में परियोजना में ढांचागत सुरक्षा संबंधी खामियां पायी गईं हैं, जिसके चलते आम्रपाली के घर खरीदारों की चिंता जायज है।
भाषा शफीक नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.