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Friday, 22 November, 2024
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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने शुरू किया काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन, सुरक्षाबलों को सतर्क रहने को कहा गया

दिप्रिंट से बात करते हुए दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि सुरक्षाबलों को जवाबी कार्यवाही ही नहीं बल्कि अपनी सुरक्षा के प्रति भी सतर्क रहने की हिदायत दी गई हैं.

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रायपुर: नक्सलियों द्वारा पिछले कुछ दिनों से टेक्निकल काउंटर ऑफेनसिव कैंपेन (टीसीओसी) के माध्यम से अचानक बढ़ी हिंसक घटनाएं और बस्तर के सुदूरवर्ती इलाकों में उनके बढ़ते हुए जमावड़ा से सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया हैं. यह अलर्ट पुलिस को नक्सलियों द्वारा बड़े हमले की रणनीति बनाने से संबंधित मिली खुफिया जानकरी के बाद जारी किया गया है.

बस्तर में तैनात पुलिस अधिकारियों का कहना है विगत कुछ दिनों से बढ़ी हुई नक्सली हिंसा माओवादियों द्वारा गर्मी के मौसम में चलाए जाने वाले टीसीओसी प्रोग्राम का नतीजा है. इन अधिकारियों के अनुसार नक्सली एक बार फिर किसी बड़े वारदात को अंजाम देने की फिराक में है जिसके कारण सुरक्षाबल भी पूरी तरह से सतर्क हो गए हैं.

दिप्रिंट से बात करते हुए दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि सुरक्षाबलों को जवाबी कार्यवाही ही नहीं बल्कि अपनी सुरक्षा के प्रति भी सतर्क रहने की हिदायत दी गई हैं. बस्तर में मेलों और मड़ई के आयोजन का दौर शुरू होने जा रहा है और इस दौरान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हजारों लोग मेला देखने आएंगे जिसका नक्सली पूरा फायदा उठाना चाहेंगे.

पल्लव के अनुसार नक्सली मेले का फायदा उठाकर हमला कर सकते हैं इसीलिए सुरक्षाकर्मियों को वहां जाने पर सतर्क रहने के लिए कहा गया है. दंतेवाड़ा एसपी ने बताया कि ‘गर्मी के मौसम में मार्च और अगस्त के बीच नक्सली संगठित होकर टीसीओसी प्रोग्राम चलते हैं जिसके तहत इस दौरान उनकी संख्या में भी काफी इजाफा हो जाता है और वे अपनी योजनाओं को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं. यही कारण है की सुरक्षबलों को अधिक अलर्ट रहने की आवश्यकता रहती है. विगत कुछ दिनों से माओवादियों की बढ़ी हुई हिंसक वारदातों भी इस का परिणाम है.’


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पुलिस द्वारा जारी अलर्ट में कहा गया है कि नक्सली कुछ स्थानों पर फोर्स या राजनीतिक नेताओं पर भी हमला कर सकते हैं. अधिकारियों के अनुसार अलर्ट को देखते हुए सुरक्षाबल नक्सल प्रभावित सातों जिलों में किस भी वारदात से निपने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. बिजापुर पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने दिप्रिंट को बताया कि ‘पुलिस को मिली खुफिया जानकारी के मुताबिक नक्सली अपने मंसूबों को संगठित होकर देने की फिराक में है लेकिन पुलिस पूरी तरह से चौकन्ना है और काउंटर ऑफेंसिव की जा रही है. नक्सलियों द्वारा वैसे तो टीसीओसी मार्च-अप्रैल से लेकर जुलाई-अगस्त तक चलाया जाता है लेकिन अब ये हमले साल में कभी भी होते हैं.’

पुलिस के सूत्रों का कहना है कि राज्य के विशेषकर स्थानीय नेताओं को भी इस दौरान मेलों और मड़ई कार्यक्रमों में भाग लेने के प्रति सतर्क रहने के लिए कहा गया है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम जाहिर ना करने की शर्त पर कहा कि पिछले दिनों जानकारी मिली थी कि नक्सली अलग अलग स्थानों में मेले और मड़ई के दौरान बड़ी हिंसक वारदातों के अंजाम देने के लिए काफी संख्या में इकठ्ठे हो रहें हैं. इसीलिए माओवादियों ने टीसीओसी भी शुरू कर दिया था.

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