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Friday, 22 November, 2024
होमदेशछत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों ने 8 वाहनों को फूंका, सड़क निर्माण का कर रहे विरोध

छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों ने 8 वाहनों को फूंका, सड़क निर्माण का कर रहे विरोध

इस बीच दंतेवाड़ा पुलिस ने नक्सलियों की कटेकल्याण एरिया कमेटी के लिए काम करने वाले गुड्डी माड़वी नाम के दो अलग-अलग ईनामी नक्सलियों को तेलंगाना से गिरफ्तार किया है.

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रायपुर: छ्त्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में दो दिन पहले मुखबिरी के शक पर एक उपसरपंच को जान से मारने के बाद नक्सलियों ने बुधवार को बस्तर सड़क निर्माण में लगे 8 वाहनों को आग के हवाले कर दिया. घटनास्थल से 5-6 किलोमीटर दूर CRPF का कैम्प भी स्थित है. वहीं दूसरी तरफ दंतेवाड़ा पुलिस ने दो इनामी नक्सलियों को गिरफ्तार किया है.

पुलिस के अनुसार घटना बस्तर जिला मुख्यालय से करीब 120 किलोमीटर दूर मालेवाहि थाना के कचेनार गांव में पीएमजीएसवाई के तहत सड़क निर्माण के दौरान घटी. माओवादी आपने पकड़ वाले इस क्षेत्र में मलेवाहि और कचेनार गांव के बीच बनने वाली इस सड़क का लगातार विरोध कर हैं. पुलिस ने बताया कि नक्सलियों ने चार ट्रैक्टर, एक-एक जेसीबी, एक पोकलेन, एक ट्रेलर और एक अन्य वाहन को आग के हवाले कर पास के जंगल के अंदर भाग निकले.

एसडीओपी राजेश कुर्रे ने बताया, ‘घटना बुधवार को सड़क निर्माण कार्य के दौरान हुई है जिसकी जिम्मेदारी नक्सलियों की आमदेई एरिया कमेटी ने कल पर्चे फेंककर ली है. हालांकि नक्सलियों ने ग्रामीणों के साथ कोई बदसलूकी नहीं की लेकिन 8 वाहन आग के हवाले कर दिया. नक्सली इस सड़क निर्माण विरोध लगातार कर कर रहें हैं. यह सड़क आस पास के गावों को दंतेवाड़ा और नारायणपुर के बीच बनने वाली स्टेट हाइवे नंबर पांच से सीधा जोड़ती.’

दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण कार्य की आवश्यक सूचना स्थानीय पुलिस या जिले के अधिकारियों को नही दी गयी थी जिसके चलते उसे सुरक्षा नही दी जा सकी. कुर्रे के अनुसार, ‘नियमानुसार ठेकेदार को जिला मुख्यालय, एसपी या फिर स्थानीय पुलिस को निर्माण कार्य की सूचना देना चाहिए था ताकि उसे उचित सुरक्षा मुहैया कराई जा सके. उचित सुरक्षा के तहत निर्माण कार्य किए जाने पर इस घटना को रोका जा सकता था. यह और भी आसान था क्योंकि पास ही नया सीआरपीएफ कैम्प स्थापित किया गया है लेकिन इस निर्माण कार्य की पुलिस को जानकारी नहीं दी गयी थी. ठेकेदार द्वारा यह काम ग्रामीणों को विश्वास में लेकर किया जा रहा था.’

बता दें कि घटना स्थल और आस पास के गांव धुर नक्सली क्षेत्र माने जाते हैं. इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि यह क्षेत्र, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के बीच में पड़ता है. यहां के जंगलों और घाटियों में नक्सली अपने आप को सुरक्षित पाते हैं.’

दंतेवाड़ा पुलिस ने किया दो इनामियों को गिरफ्तार

दूसरी तरफ बुधवार को ही दंतेवाड़ा पुलिस ने नक्सलियों की कटेकल्याण एरिया कमेटी के लिए काम करने वाले गुड्डी माड़वी नाम के दो अलग-अलग ईनामी नक्सलियों को तेलंगाना से गिरफ्तार किया है. दंतेवाड़ा एसपी अभषेक पल्लव के अनुसार 28 वर्षीय एक गुड्डी माड़वी कमेटी की प्लाटून 26 का डिप्टी कमांडर और दूसरा 26 वर्षीय गुड्डी माड़वी कमेटी की जनताना सरकार का सचिव था. दोनों 5-5 लाख के इनामी थे और एक ही गांव मदगादम के रहने वाले हैं.

दो दिन पहले पूर्व उपसरपंच को मारी गोली

पुलिस का कहना है कि सुरक्षा बलों के लगातार बढ़े प्रभाव की वजह से नक्सली अपना दबदबा कायम रखने के लिए इन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. दो दिन पहले 15 फरवरी को भरे बाजार में नारायणपुर जिले के एक पूर्व उपसरपंच को नक्सलियों ने गोली मारी. इस घटना में एक महिला घायल हुई थी. पूर्व उपसरपंच शत्रुघ्न चिल्का गांव का रहने वाले थे. उनकी मौत मौके पर ही हो गई थी. घायल महिला का नाम बत्ती बाई है जिसे कोंडागांव जिला अस्पताल उपचार के लिए लाया गया. बताया जा रहा है कि टेमरु और चालक गांव के बीच लगने वाले इस स्थानीय साप्ताहिक बाजार में घटना को अंजाम नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम ने दिया था. घटना बेनूर थाना क्षेत्र की थी.

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