रायपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के चिन्तागुफ़ा थाना वन क्षेत्र में शनिवार को नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में करीब पांच नक्सली मारे गए हैं और करीब 14 जवान घायल हो गए हैं. घायलों को देर रात दो हेलीकाप्टर से उपचार के लिए रायपुर एयरलिफ्ट किया गया है. 12 घायल जवानों की हालत सामान्य बताई गयी है लेकिन 2 जवानों की स्थिति गम्भीर बनी हुई है. घायल जवानों को रामकृष्ण केयर अस्तपताल में भर्ती कराया गया है.
प्रशासन द्वारा देर रात जारी एक विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली मारे गए हैं. सरकार के विज्ञप्ति में कहा गया कि ‘सुकमा जिले के एलमागुंडा के पास 5 घंटे तक पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली नेताओं के मारे जाने और घायल होने की सूचना है. मुठभेड़ में घायल 14 जवानों को रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जिनमें से 12 जवानों की हालत सामान्य है एवं 2 जवान गंभीर रूप से घायल है.’
सरकार के अनुसार देर रात तक किसी भी जवान के शहीद होने की सूचना नहीं थी लेकिन मुठभेड़ में शामिल 13 जवानों का पुलिस अधिकारियों या फिर जिला मुख्यालय से संपर्क नहीं हो पाया था. सरकार के अनुसार करीब 150 जवानों की टीम अभी भी जंगल मे ही रुकी हुई है.
सुकमा के एसपी सलभ सिन्हा ने दिप्रिंट को बताया, ‘मैं अभी भी मुठभेड़ से वापस आयी सुरक्षबलों की पार्टी से मिल नहीं पाया हूं इसलिए घायल सुरक्षाबलों या फिर मारे गए नक्सलियों की संख्या बताने में असमर्थ हूं.
नक्सलियों ने घात लगाकर किया हमला
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि बुर्कापाल क्षेत्र के आगे चिन्तागुफ़ा थाना क्षेत्र के एलमागुंडा इलाके में नक्सली बड़ी संख्या में इकठ्ठा होने वाले थे. सूचना मिलने के बाद सुरक्षबलों की डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गॉर्ड (डीआरजी) और एसटीएफ की एक टीम को दोरनापाल थाना क्षेत्र से नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा लेने को रवाना किया गया था. डीआरजी और एसटीएफ के करीब 200 से ज्यादा जवानों की टीम को बुरकापाल में सीआरपीएफ के कोबरा के जवानों की एक तीसरी टुकड़ी भी साथ मिल गयी. योजना के अनुसार सुरक्षबलों के इस बड़े एनकाउंटर दल को नक्सलियों के ख़िलाक एक सरप्राइज हमला करना था लेकिन वहां मौजूद माओवादियों को उनके आने की जानकारी पहले से लग चुकी थी.
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सूत्रों ने बताया है की अपने रणनीति के अनुसार नक्सलियों ने जवानों को जंगलों के काफी अंदर तक आने दिया. घने जंगल में दूर तक चले जाने के कारण जवानों को जब कोई नक्सली गतिविधि नजर नहीं आयी तो वे वापस लौटने लगे. यहीं सुरक्षाबलों की एनकाउंटर टुकड़ी पर घात लगाए माओवादियों ने पहाड़ी के ऊपर से हमला बोल दिया.
हिडमा की बटालियन ने किया हमला
पुलिस विभाग के सूत्रों ने दिप्रिंट से नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया की सुरक्षबलों के सामना इस बार बहुत ही खतरनाक नक्सली हिडमा की बटालियन से साथ हुआ था. हिडमा एक बहुत ही क्रूर वांछित नक्सली नेता माना जाता है जिसके सिर पर सुरक्षबलों द्वारा 40 लाख से ज्यादा के कैश ईनाम की घोषणा की गयी है.
150 से अधिक जवान जंगल में डटे, 13 लापता
एक ओर जहां सरकार ने दावा किया कि इस एनकाउंटर में कई नक्सली मारे गए वहीं विज्ञप्ति में बताया कि करीब 150 जवान रात में एनकाउंटर स्थल पर ही डटे रहे. अपने कैम्प में वापस लौटे जवानों के साथ ये 150 जवान नहीं आये बल्कि उन्होंने माओवादियों के उपस्थिति की शंका में उनके खिलाफ मोर्चा लेने के लिए वहीं रहना उचित समझा. लेकिन 13 अन्य जवानों से अभी तक कोई संपर्क नहीं हो पाया है.
घायल जवान खतरे से बाहर
रायपुर के रामकृष्ण केयर अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर संदीप दावे ने मीडिया को बताया कि घायल जवानों के हाथ, पैर और छाती पर गंभीर चोटें आई हैं लेकिन सभी की जान खतरे से बाहर हैं. उन्होंने साफ किया कि ‘मैं यह कह सकता हूं की उनकी जान को कोई खतरा नहीं है.’