scorecardresearch
रविवार, 11 मई, 2025
होमदेशनौसेना ने पहलगाम हमले के बाद युद्ध तत्परता के साथ वाहक युद्ध समूह, पनडुब्बियों को तैनात किया

नौसेना ने पहलगाम हमले के बाद युद्ध तत्परता के साथ वाहक युद्ध समूह, पनडुब्बियों को तैनात किया

Text Size:

नयी दिल्ली, 11 मई (भाषा) नौसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को बताया कि पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारतीय नौसेना के वाहक युद्ध समूह, पनडुब्बियों और विमानन परिसंपत्तियों को पूरी युद्ध तत्परता के साथ तुरंत समुद्र में तैनात कर दिया गया था।

नौसैन्य अभियान महानिदेशक वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि नौसैनिक बल उत्तरी अरब सागर में अग्रिम मोर्चे पर ‘‘निरोधक और प्रतिरोधक’’ मुद्रा में तैनात हैं तथा वे कराची सहित समुद्र व जमीन पर हमारे द्वारा चुने गए समय पर चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

वाइस एडमिरल भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर थलसेना और वायुसेना के अपने समकक्षों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

नौसैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएनओ) ने बताया कि नौसेना ने आतंकवादी हमले के 96 घंटों के भीतर अरब सागर में कई हथियारों से गोलीबारी के दौरान समुद्र में रणनीति और प्रक्रियाओं का परीक्षण किया।

उन्होंने बताया, ‘‘इसका उद्देश्य हमारे चालक दल, आयुध, उपकरण और प्लेटफॉर्म की तत्परता को पुनः प्रमाणित करना था, ताकि चयनित लक्ष्यों पर विभिन्न आयुधों को सटीकता से गिराया जा सके।’’

डीजीएनओ ने बताया कि 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद वाहक युद्ध समूह को अरब सागर में तैनात किया गया गया।

वाहक युद्ध समूह एक नौसैनिक बेड़ा होता है, जिसमें एक विमानवाहक और उसके साथ आने वाले जहाज शामिल होते हैं।

वाइस एडमिरल प्रमोद ने बताया कि भारतीय नौसेना की अग्रिम तैनाती ने पाकिस्तानी नौसेना और वायु इकाइयों को रक्षात्मक मुद्रा में रहने के लिए बाध्य किया, जो ज्यादातर बंदरगाहों के अंदर या उनके तट के बहुत करीब थी।

उन्होंने बताया, ‘‘भारतीय नौसेना ने पूरे समय समुद्री क्षेत्र में निर्बाध जागरूकता बनाए रखी और पाकिस्तानी इकाइयों की स्थिति व आवाजाही के बारे में पूरी तरह से जागरूक रही।’’

डीजीएनओ ने बताया, ‘‘भारत के सुविचारित दृष्टिकोण के तहत, हमने समुद्र से और समुद्र के अंदर आक्रामक कार्रवाई करने की भारतीय नौसेना की क्षमता सहित सभी विकल्पों पर विचार किया।’’

उन्होंने बताया, ‘‘तनाव नियंत्रण तंत्र के एक भाग के रूप में नौसेना द्वारा बल प्रयोग की योजना थलसेना और वायुसेना के साथ समन्वयपूर्वक बनाई गई, जिसका मुख्य आकर्षण तीनों सेनाओं की टीम थीं, जो एकीकृत तरीके से मिलकर काम कर रही थीं।’’

वाइस एडमिरल प्रमोद ने बताया, ‘‘भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना की गतिशील कार्रवाइयों के साथ-साथ समुद्र में भारतीय नौसेना की जबरदस्त अभियानगत क्षमता के चलते कल पाकिस्तान को तत्काल संघर्षविराम का अनुरोध करना पड़ा।’’

भाषा नेत्रपाल जितेंद्र

जितेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments