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Tuesday, 24 December, 2024
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नौसेना घूस मामला : सीबीआई जांच से खुलासा, रक्षा अनुबंधों के लिए यूक्रेनी, रूसी कंपनियों में कड़ी प्रतिद्वंद्विता

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(अभिषेक शुक्ला)

नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) नौसेना के सेवारत और पूर्व अधिकारियों के खिलाफ कथित घूसखोरी मामले की सीबीआई जांच से पता चला कि भारतीय नौसेना के अनुबंधों को हासिल करने के लिये यूक्रेन की कंपनियां रूसी कंपनियों से कड़ी प्रतिद्वंद्विता कर रही हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

जांच के दौरान, दुबई का एक व्यवसायी सेवानिवृत्त नौसेना कमोडोर रणदीप सिंह के लिए दुबई से भारत में कथित रूप से पैसे ले जाने को लेकर एजेंसी की जांच के दायरे में है। सिंह को पिछले साल सितंबर में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह जमानत पर हैं।

उन्होंने कहा कि जांच में भारतीय हथियार डीलरों, एक पूर्व नौसेना प्रमुख के रिश्तेदारों की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है। उन्होंने कहा कि व्यवसायी के उनके साथ संबंधों के संकेत मिले हैं।

उन्होंने कहा कि एजेंसी ने पिछले साल 4-11 सितंबर के बीच संदिग्ध व्यवसायी से पांच बार पूछताछ की और 13 सितंबर को उसकी आवाज का नमूना लिया।

उन्होंने कहा कि यह आरोप लगाया गया है कि यूक्रेनी रक्षा निर्माता स्पेट्स टेक्नो एक्सपर्ट्स से जुड़े व्यवसायी ने भारतीय पनडुब्बियों और अन्य नौसैनिक संपत्तियों के लिए स्पेयर पार्ट (अतिरिक्त कलपुर्जे) की आपूर्ति में यूक्रेनी कंपनी को रूसी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट से आगे निकलने में मदद करने के लिए “नौसेना अधिकारियों की एक सूची सहित दस्तावेज साझा किए।”

उन्होंने दावा किया कि एजेंसी ने पाया है कि सिंह द्वारा कथित तौर पर उस व्यवसायी को दस्तावेज मुहैया कराए गए थे, जो भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) और भारतीय नौसेना के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर यूक्रेन के ज़ोर्या मैशप्रोएक्ट की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की कोशिश कर रहा था।

उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच अब भी जारी है।

सीबीआई की अब तक की जांच से पता चला है कि व्यवसायी पर आरोप है कि उसने भारतीय नौसेना के अधिकारियों सहित सरकारी कर्मचारियों को दी जाने वाली रिश्वत के बदले भारतीय नौसेना से संबंधित सूचनाओं को बाहरी लोगों के साथ साझा करने में “सक्रिय रूप से भाग लिया”।

भाषा

प्रशांत उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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