मुंबई, 29 मई (भाषा) भारत और यूरोपीय संघ एक से तीन जून तक हिंद महासागर में एक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास में भाग लेंगे, जिसमें समुद्री डकैती विरोधी संचालन, अंतर-संचालनीयता, रणनीतिक संचालन और बेहतर संचार प्रोटोकॉल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो दोनों पक्षों के बीच बढ़ते समुद्री सुरक्षा सहयोग को दर्शाता है। यूरोपीय संघ की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई।
बयान में कहा गया है कि इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के जहाज और यूरोपीय संघ नौसेना बल (ईयूएनएवीएफओआर) ऑपरेशन अटलांटा के दो ‘फ्रिगेट’, इतालवी जहाज एंटोनियो मार्सेग्लिया और स्पेन के जहाज रेइना सोफिया आदि शामिल होंगे।
ये जहाज फिलहाल मुंबई में खड़े हैं।
बयान में कहा गया, ‘‘ संयुक्त अभ्यास में समुद्री डकैती विरोधी अभियानों, अंतर-संचालन, सामरिक युद्धाभ्यास और उन्नत संचार प्रोटोकॉल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो दोनों पक्षों के बीच बढ़ते समुद्री सुरक्षा सहयोग को दर्शाता है। संबंधित समुद्री संचालन केंद्र (एमओसी) अभ्यास को नियंत्रित करेंगे।’’
भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत हर्वे डेल्फिन ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि ये दोनों यूरोपीय जहाज अटलांटा में नौसेना के संचालन से संबंधित हैं। अटलांटा के पास समुद्री डकैती की घटनाओं को रोकने का एक इतिहास है।
डेल्फिन ने कहा कि मुम्बई में दो यूरोपीय नौसैन्य जहाजों की अभूतपूर्व उपस्थिति दोनों पक्षों के बीच सहयोग को और अधिक विस्तृत, परिचालनात्मक और सामरिक स्तर पर लाने की प्रतिबद्धता का परिणाम है।
डेल्फ़िन ने कहा, ‘‘अगले महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर पहली मंत्रिस्तरीय रणनीतिक वार्ता के लिए ब्रसेल्स में होंगे।’’
डेल्फिन ने कहा कि कुछ हफ्तों में, यूरोपीय संघ की ओर से भारत-रणनीतिक सहयोग के नए एजेंडे का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। यह भविष्य में सहयोग के लिए संयुक्त रोडमैप का आधार बनेगा।
भाषा शोभना दिलीप
दिलीप
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