नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों ने लंबे समय तक कोविड-19 की चपेट में रहे लोगों को ध्यान में रखते ‘राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम’ की केंद्र सरकार की घोषणा का स्वागत किया है लेकिन साथ ही कहा कि केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य बीमा और कौशल विकास के लिए प्रोत्साहन देने जैसे अन्य अहम मुद्दों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है।
वित्त मंत्री ने मंगलवार को 2021-22 के बजट भाषण में इस बात को स्वीकार किया कि कोरोना वायरस महामारी ने सभी उम्र के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा की हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक बेहतर पहुंच प्रदान करने के लिए ‘राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम’ शुरू किया जाएगा।
‘एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (इंडिया)’ के महानिदेशक डॉ. गिरधर ज्ञानी ने कहा कि सरकार के 23 मानसिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करने से आम जनता को फायदा मिलेगा और खासतौर से लंबे समय तक कोविड की चपेट में रहे मरीजों को इसका फायदा मिलेगा।
‘एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज’ के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. एन के पांडे ने कहा कि विश्व भर में तनाव और चिंता विकार के मामलों में करीब 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अकेले भारत में ऐसे मामले 35 प्रतिशत तक बढ़े हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रोत्साहित करने वाला है कि सरकार भारत में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बढ़ने की चुनौती से निपटने पर ध्यान दे रही है और उसने राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव दिया है।’’
स्त्री रोग विशेषज्ञ, प्रसूति विशेषज्ञ और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. अर्चना धवन बजाज ने कहा कि हालांकि सरकार डिजीटल स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रोत्साहन पर ध्यान केंद्रित कर रही है, स्वास्थ्य बीमा, कौशल विकास के लिए प्रोत्साहन और निजी क्षेत्र को कर के लाभ देने जैसे अहम मुद्दों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है।
‘पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च’ (पीजीआईएमईआर), चंडीगढ़ की एसोसिएट प्रोफेसर (कम्युनिटी) डॉ. मोना दुग्गल ने कहा कि राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम से टेलीमेडिसिन सेवाओं और वर्चुअल क्लिनिक की रूपरेखा को आवश्यक बढ़ावा मिलेगा।
केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को 86,200.65 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जो 2021-22 के 73,931 करोड़ रुपये के आवंटन की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही सरकार ने ‘राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम’ की घोषणा की है।
इस 86,200.65 करोड़ रुपये की राशि में से 83,000 करोड़ रुपये स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को आवंटित किये गये हैं, वहीं 3,200 करोड़ रुपये का आवंटन स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को किया गया है।
भाषा गोला शाहिद
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