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Sunday, 29 September, 2024
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राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने कुतुब परिसर के अंदर गणेश प्रतिमाओं को सम्मानपूर्वक रखने को कहा

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नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी नेता तरुण विजय ने बृहस्पतिवार को कहा कि कुतुब मीनार परिसर में ‘‘अपमानजनक’’ तरीके से रखी गई गणेश मूर्तियों को या तो हटा दिया जाना चाहिए या उन्हें ‘‘सम्मानपूर्वक’’ स्थापित किया जाना चाहिए।

पूर्व सांसद विजय ने कहा कि उन्होंने एक साल से भी अधिक समय पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन अभी तक उनके पत्र का कोई उत्तर नहीं मिला है।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मूर्तियों को अभी काफी अपमानजनक स्थान पर रखा गया है… मूर्तियों को हटा दिया जाना चाहिए या कुतुब परिसर के अंदर सम्मानपूर्वक रखा जाना चाहिए।’’

उन्होंने एक ट्वीट में सवाल किया कि उन 27 मंदिरों का क्या हुआ, जिनके बारे में माना जाता है कि वे परिसर के अंदर स्थित थे। उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘‘… हिंदुओं को अपमानित करने के लिए गणेश मूर्ति को क्यों उल्टा रखा गया। वहां तीर्थंकर, यमुना, दशावतार, कृष्ण का जन्म और नवग्रह की मूर्तियां कभी आगंतुकों को नहीं दिखाई गईं।’’

भाजपा नेता ने कहा कि इस तरह की गलतियों को सुधारना ‘‘उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ने’’ का एक तरीका है।

भगवान गणेश की दो मूर्तियाँ – ‘‘उल्टा गणेश’’ और ‘‘पिंजरे में गणेश’’ – 12 वीं शताब्दी के इस स्मारक के परिसर में स्थित हैं। यूनेस्को ने 1993 में इसे विश्व धरोहर स्थल नामित किया था।

‘‘उल्टा गणेश’’ इस परिसर में कुव्वत उल इस्लाम मस्जिद की दक्षिण की दीवार का हिस्सा है। लोहे के पिंजरे वाली दूसरी मूर्ति जमीन के समीप है और वह भी उसी मस्जिद का हिस्सा है।

विजय ने कहा, ‘‘जो हुआ, वह सांस्कृतिक नरसंहार है और इसे पलटना होगा।’’

स्मारक के संरक्षक एएसआई ने कहा कि इस विषय को देखा जा रहा है।

भाषा राजकुमार उमा

उमा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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