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गुरूवार, 22 मई, 2025
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नेशनल हेराल्ड मामले में अपराध से अर्जित धन चुनाव टिकट हासिल करने के लिए प्राप्त किया गया: ईडी

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(उदयन किशोर)

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में अपराध से अर्जित आय ‘‘पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के इशारे पर प्राप्त की गई थी’’। आरोप है कि ये धन ‘‘संरक्षण, चुनाव लड़ने के लिए टिकट और पार्टी में पद सुरक्षित करने’’ के लिए दिया गया।

ईडी ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा-तीन (धनशोधन) और चार (धनशोधन के लिए दंड) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया है।

ईडी ने मामले में विभिन्न माध्यमों से प्राप्त 988 करोड़ रुपये की अपराध की आय का आरोप लगाया है।

अपराध की आय में किसी अधिसूचित अपराध से संबंधित आपराधिक गतिविधि के परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त धन या प्राप्त की गई कोई भी संपत्ति शामिल है।

केंद्रीय जांच एजेंसी के मामले में गांधी परिवार, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस के अलावा सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के धोखाधड़ीपूर्ण अधिग्रहण की साजिश करने और धनशोधन का आरोप लगाया गया है।

ईडी ने आरोप लगाया है, ‘‘गांधी परिवार के सदस्यों सोनिया गांधी और राहुल गांधी के संरक्षण में यंग इंडियन में पदाधिकारी रहे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कुछ कांग्रेस सदस्यों/नेताओं सहित विभिन्न व्यक्तियों को उनके साथ किये गये विभिन्न अहसानों के बदले दान की आड़ में यंग इंडियन के वास्ते धन की व्यवस्था करने के लिए प्रभावित किया।’’

इसने दावा किया है, ‘‘जांच से पता चला है कि कुछ दानदाताओं के परिवार के सदस्यों/रिश्तेदारों ने या तो कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था या फिर उन्हें कुछ राजनीतिक पद देने का वादा किया गया था।’’

प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत में कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी, तथा अन्य के खिलाफ प्रथम दृष्टया धन शोधन का मामला बनता है।

ईडी ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोग्ने के समक्ष दलील रखीं। मामले का संज्ञान लिया जाए या नहीं, इस बारे में शुरुआती दलील में ईडी ने यह बात कही।

न्यायाधीश संज्ञान के बिंदु पर ईडी की दलीलें सुन रहे थे।

न्यायाधीश ने आंशिक रूप से दलीलें सुनीं और मामले की अगली सुनवाई दो जुलाई से आठ जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।

इस बीच, न्यायाधीश ने ईडी को निर्देश दिया कि मामले में अपने आरोपपत्र की एक प्रति वह भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी को दे जिनकी निजी शिकायत के आधार पर ईडी ने मौजूदा मामला दर्ज किया था।

स्वामी की 26 जून, 2014 में दायर एक निजी शिकायत पर मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद ईडी ने 2021 में अपनी जांच शुरू की थी। एजेंसी ने हाल में अपना आरोपपत्र दाखिल किया था।

भाषा सुरेश शफीक

शफीक

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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