नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उभरने की अटकलों के बीच जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक क्रमश: तीन और चार सितंबर को पटना में होगी।
पार्टी महासचिव अफाक अहमद खान ने कहा कि दोनों दिन संगठन संबंधी मुद्दों और सदस्यता अभियान पर चर्चा की जाएगी।
ये बैठकें इसलिए अहम मानी जा रही हैं, क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जद(यू) प्रमुख नीतीश कुमार ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से गठबंधन तोड़ते हुए महागठबंधन से हाथ मिला लिया था, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वामदल शामिल हैं।
नीतीश के कदम से विपक्षी खेमे में नयी ऊर्जा का संचार हुआ है। यही नहीं, इससे नीतीश के 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उभरने की अटकलों को भी बल मिला है।
इन बैठकों में पार्टी का एजेंडा तय करने और भाजपा से नाता तोड़ने के उसके फैसले का समर्थन किए जाने की संभावना है। नीतीश के जद(यू) सदस्यों को भी संबोधित करने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी जद(यू) का एक प्रमुख संगठनात्मक निकाय है। वहीं, राष्ट्रीय परिषद एक व्यापक निकाय है, जिसमें कार्यकारिणी के सभी सदस्य शामिल होते हैं।
नीतीश ने खुद को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किए जाने की संभावनाओं को अक्सर खारिज किया है।
हालांकि, जद(यू) के अध्यक्ष ललन सिंह ने हाल ही में कहा था कि उनकी पार्टी इस पर विचार के लिए तैयार है, बशर्ते अन्य विपक्षी दल संबंधित भूमिका के लिए नीतीश के नाम का समर्थन करें।
इस बीच, रविवार को राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर विपक्षी दल नीतीश का समर्थन करें तो वह प्रधानमंत्री पद के मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं। भाषा पारुल दिलीप
दिलीप
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