नई दिल्ली : एडटेक प्लेटफार्मों (ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाले सेवा प्रदाताओं) के लिए एक स्व-नियामक निकाय के रूप में काम करने वाले इंडिया एडटेक कंसोर्टियम (आईईसी) ने नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी (एनडीयू) स्थापित करने के शिक्षा मंत्रालय के कदम का स्वागत किया है और इसे भारत का अगला यूपीआई जैसा पल बताया है.
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के तहत बनाई गई इस संस्था ने शुक्रवार को एक जारी एक बयान में कहा: ‘एनडीयू भारत का अगला यूपीआई जैसा क्षण हो सकता है जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को और अधिक सुलभ एवं लचीला बना देगा व भारत को ‘विश्व गुरू’ बनाने के एडटेक कंपनियों के मिशन को गति प्रदान करना जारी रखेगा.‘
इसमें आगे कहा कहा गया है: ‘इस पहल ने अपने प्रस्तावित ढांचे, जिससे भारतीय छात्रों को काफी लाभ होगा, के जरिये अभी से लहर पैदा करनी शुरू कर दी है और इसे इस उद्योग के हितधारकों की तरफ से उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं.’.
इस कंसोर्टियम (परिसंघ) का मानना है कि इस तरह के कदम से ऑनलाइन उच्च शिक्षा के विकास और भारतीय घरों में इसे अपनाये जाने में तेजी आएगी; और यह भारतीय एडटेक के साथ सह-अस्तित्व में बना रहेगा ताकि भारतीय युवाओं के भविष्य को पूरी तरह से सुरक्षित किया जा सके.
कंसोर्टियम के अध्यक्ष और एडटेक फर्म ‘अपग्रेड’ के प्रबंध निदेशक (मैनेजिंग डायरेक्टर) मयंक कुमार ने कहा कि एनडीयू ऑनलाइन उच्च शिक्षा को एक गैर-मेट्रो शहरों वाला फेनोमेना (परिघटना) बनाने में एक उत्प्रेरक साबित हो सकता है और यह शीर्ष भारतीय विश्वविद्यालयों द्वारा (एडटेक में) व्यापक भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगा.
कुमार कामकाजी पेशेवरों और फ्रेशर्स को इससे अत्यधिक लाभ पहुंचता देखते हैं क्योंकि वे अब ‘अधिक आत्मविश्वास के साथ किसी एक पूरे एक विश्वविद्यालय से अल्पकालिक या कौशल-आधारित पाठ्यक्रम कर सकते हैं और साथ ही किसी दूसरे विश्वविद्यालय से अपने उच्च शिक्षा कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए अपने ‘एक्यूमुलेटेड क्रेडिट’ का उपयोग कर सकते हैं, वह भी करिअर में बिना किसी तरह के बैकलॉग की चिंता किए.’
एनडीयू के बारे में
शिक्षा मंत्रालय द्वारा की जा रही अपने तरह की पहली इनीशिएटिव के रूप में एनडीयू की घोषणा 2022-23 के बजट सत्र के दौरान की गई थी. इस साल से अपना काम-काज शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार यह विश्वविद्यालय उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों में सीटों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा पेश किया गया एक समाधान है.
इसे ‘स्वयं’ नामक प्लेटफॉर्म पर होस्ट किया जाएगा और आईटी एवं प्रशासनिक सेवाएं सरकार के ‘समर्थ’ पोर्टल के माध्यम से प्रदान की जाएंगी. एनडीयू का उद्देश्य छात्रों को अपने स्वयं के पाठ्यक्रम डिजाइन करने की आजादी देना है.
छात्र विभिन्न उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) से अपने शैक्षणिक क्रेडिट एक साथ जमा कर सकते हैं और फिर एनडीयू से डिग्री के लिए आवेदन कर सकते हैं या किसी एक एचईआई से 50% क्रेडिट पूरा कर सकते हैं और शेष किसी दूसरे से संस्थान से हासिल कर सकते हैं.
एनडीयू लर्निग (सीखने-सिखाने) के कई अहम फायदों को बढ़ावा देगा जैसे कि सीटों की संख्या या दाखिले पर किसी ऊपरी सीमा का न होना और स्कूल पास-आउट व कामकाजी पेशेवरों को उन्नत पेशेवर विकास के लिए मल्टी-डिसप्लीनरी (कई सारी विधाओं वाले) करिअर साथ में अपनाने की अनुमति देगा.
यह नई शिक्षा नीति (न्यू एजुकेशन पॉलिसी- एनईपी) के तहत आने वाले अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी), जो छात्रों को अपने हासिल किए गए क्रेडिट का इस्तेमाल करने और बाद में आगे के किसी कौशल को हासिल करने अथवा अपने उच्च शिक्षा कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए उन्हें स्थानांतरित करने की अनुमति देता है, की लोकप्रियता को और गति प्रदान करेगा.
(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: अंजलि की मौत के मामले में सिर्फ CCTC फुटेज ही धुंधले नहीं है बल्कि TV रिपोर्टिंग भी भ्रम वाली थी