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Saturday, 21 December, 2024
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चंद्रशेखर आज़ाद के ट्विटर हैंडल से हुए आपत्तिजनक ट्वीट्स पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान, यूपी डीजीपी से कार्रवाई की मांग

आज़ाद समाज पार्टी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद पर उनके पुराने ट्वीट्स में महिलाओं के ख़िलाफ बेहद आपत्तिजनक भाषा इस्तेमाल करने का आरोप है. दिल्ली भाजपा आईटी सेल प्रमुख ने इसपर जांच की मांग की है.

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नई दिल्ली: आज़ाद समाज पार्टी (आसपा) और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद रावण के 2018 के कुछ आपत्तिजनक ट्वीट्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. जिसके बाद आज़ाद की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है. हालांकि आज़ाद ने कहा कि उन्होंने ऐसे ट्वीट्स नहीं किए. महिलाओं के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल वाले ट्वीट्स पर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने यूपी के डीजीपी से आज़ाद के ख़िलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है.

एनसीडब्ल्यू प्रमुख शर्मा ने दिप्रिंट से कहा कि उनके द्वारा लिए गए एक्शन की जानकारी एनसीडब्ल्यू के हैंडल पर सार्वजनिक की गई है.

जिन महिलाओं के खिलाफ ट्वीट्स में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है उनमें काजल नाम की एक लड़की भी शामिल है. काजल को पीएम नरेंद्र मोदी भी ट्विटर पर फॉलो करते हैं.

काजल ने ट्वीट कर लिखा, ‘हम दिल से रेखा शर्मा जी और टीम एनसीडब्ल्यू के आभारी है की आपने भीम आर्मी चीफ द्वारा हम पर कही गई अभद्र अश्लील टिप्पणी पर संज्ञान लिया.’

हालांकि आज़ाद ने ट्वीट कर अपना पक्ष रखा है और खुद का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि वो महिलाओं का बहुत सम्मान करते हैं.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के सोशल मीडिया और आईटी सेल प्रमुख पुनीत अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को कुछ स्क्रीनशॉटस ट्वीट किए थे. इसमें आज़ाद के हैंडल से महिलाओं के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है.

अग्रवाल ने अपने ट्वीट में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की प्रमुख रेखा शर्मा के अलावा ट्विटर इंडिया को टैग करते हुए उनपर कार्रवाई की मांग की और कहा कि आज़ाद का हैंडल तुरंत सस्पेंड कर दिया जाना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने डीसीपी सायबर क्राइम को भी टैग करते हुए आज़ाद की गिरफ़्तारी की मांग की.

एक ट्वीट के जवाब में बृहस्पतिवार रात रेखा शर्मा ने ट्वीट कर लिखा, ‘एक महान हीरो (चंद्रशेखर आज़ाद) का नाम खराब करने वाले इस आदमी को मैं सबक सिखाउंगी.’

 

एनसीडब्ल्यू के हैंडल से शुक्रवार दोपहर को किए गए ट्वीट में लिखा है, ‘भीम आर्मी चीफ द्वारा महिलाओं को नीचा दिखाने वाले ट्वीट्स का एनसीडब्ल्यू ने संज्ञान लिया है. एनसीडब्ल्यू के प्रमुख रेखा शर्मा ने यूपी के डीजीपी को आज़ाद के ख़िलाफ कठोर कर्रवाई करने को कहा है ताकि महिलाओं के ख़िलाफ साइबर अपराध को समाप्त किया जा सके.’

अगले ट्वीट में जानकारी दी गई है कि इस मामले को लेकर एनसीडब्ल्यू सहारनपुर के एसपी के भी संपर्क में है. दिप्रिंट को ये भी पता चला है कि आज़ाद को साहरनपुर पुलिस का फ़ोन आया था और मामले में उन्होंने अपना पक्ष पुलिस के समक्ष पेश किया है.


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चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा- ‘जब ट्वीट हुए तब मैं जेल में था’

गुरुवार देर शाम तक ट्विटर पर #ArrestChandraShekharRavan लंबे समय तक नंबर 1 पर ट्रेंड करता रहा. इससे जुड़े करीब 2.5 लाख़ ट्वीट हुए.

आज़ाद का बचाव करने के लिए आसपा वालों ने #चन्द्रशेखर_हमारा_भाई_है जैसे हैश टैग का इस्तेमाल किया. मामले के तूल पकड़ने के बाद आज़ाद ने दो ट्वीट्स कर अपना पक्ष रखा.

उनका कहना है, ‘मेरे एकाउंट से महिलाओं पर अभद्र भाषा के कुछ ट्वीट वायरल हो रहे हैं, जो कि बहुत निंदनीय है. ज्ञात हो कि सहारनपुर हिंसा के संदर्भ में मैं 08/06/2017 से 14/09/2018 तक जेल में था. विवादित ट्वीट इसी दौरान के हैं जिस संबंध मुझे जानकारी नही है.’

अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘स्पष्ट कर दूं कि यह ट्विटर अकाउंट फरवरी 2018 में बना है और मैं सितंबर 2018 में जेल से रिहा हुआ. किसी कार्यकर्ता ने मुझे यह एकाउंट दिया. बाबा साहेब का सिपाही हूं और बहन बेटियों का सम्मान सर्वोपरि है. ट्वीट बहुत ही गलत है. मैं एकाउंट में सुधार कर रहा हूं. जय भीम, जय भारत.’

भीम आर्मी के सलाहकार कुश अंबेडकरवादी ने दिप्रिंट से दावा किया कि ये अकाउंट आज़ाद का एक गुजराती फैन  चलाता था. उन्होंने कहा, ‘चंद्रखेखर के नाम से ऐसे कई अकाउंट चलते आए हैं. जब चंद्रखेखर जेल से रिहा हुए तो उनका हैंडल बनाने की तैयारी हुई. लेकिन पता चला कि गुजरात का कोई बंदा उनके नाम से हज़ारों फॉलोअर्स वाला हैंडल चला रहा है.’


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कुश के मुताबिक जब उस लड़के से अकाउंट बंद करने को कहा गया तो उसने इसे भीम आर्मी को सौंप दिया. दावा है कि इस अकाउंड में कई हज़ार ट्वीट्स थे जिन्हें डिलीट किया गया जिसके बाद ये चंद्रशेखर का ऑफ़िशियल हैंडल बन गया.

कुश का कहना है कि जो ट्वीट्स वायरल हैं उनपर किसी का ध्यान नहीं गया जिस वजह से उन्हें डिलीट नहीं किया जा सका. अब वापस से इस हैंडल की सफ़ाई का काम जारी है.

आज़ाद और कुश के दावों पर दिल्ली भाजपा आईटी सेल प्रमुख अग्रवाल ने दिप्रिंट से कहा कि जो सफ़ाई दी जी रही है उसकी जांच होनी चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘लालू यादव जेल में हैं लेकिन उनके हैंडल से ट्वीट्स हो रहे हैं. ऐसे में वो अपने ट्वीट्स के लिए ज़िम्मेदार हैं. यही बात चंद्रशेखर पर भी लागू होती है. सच तो कार्रवाई और जांच के बाद ही सामने आएगा.’

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