जयपुर, 22 मई (भाषा) देश में बांधों की भूकंप एवं अन्य आपदाओं से सुरक्षा पर केंद्रित राष्ट्रीय केन्द्र जयपुर के मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) में स्थापित किया जाएगा। इस बारे में एमएनआईटी और जल शक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण के बीच सोमवार को यहां एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए।
इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि इस प्रस्तावित केन्द्र को जल शक्ति मंत्रालय से 30 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिलेगी जिससे उसकी स्थापना की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस केंद्र के माध्यम से बांध अभियंताओं और नीति निर्माताओं के साथ मिलकर समग्रता से काम करना, भारत में बांधों की संरचनात्मक और भूकंप सुरक्षा से संबंधित प्रौद्योगिकी का विकास करना और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वदेशी क्षमताओं का अत्याधुनिक तकनीक से संपन्न कराना प्रमुख काम होगा। यहां जारी बयान के अनुसार शेखावत ने कहा कि केन्द्र सरकार बांधों की सुरक्षा और रख-रखाव के प्रति मिशन मोड में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे अधिक बांधों वाला देश है।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि देश में छह हजार से अधिक बांध है जिनमें 25 प्रतिशत से अधिक बांध ऐसे हैं, जो 50 प्रतिशत से ज्यादा उम्र पूरी कर चुके हैं। उनके मुताबिक अनेक बांध सौ साल पुराने भी हो चुके।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि देश में बांधों के रख-रखाव को लेकर उनकी सुरक्षा को लेकर नीति बननी चाहिए थी। उनका कहना था कि अस्सी के दशक में इस पर चर्चा भी प्रारंभ हुई, लेकिन 40 साल तक केवल विचार ही होता रहा।
शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांधों की सुरक्षा को लेकर संकल्प लिया और वर्ष 2021 में बांध सुरक्षा से संबंधित कानून बनाया गया।
भाषा पृथ्वी कुंज राजकुमार
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