नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) ने मंगलवार को जैविक विविधता अधिनियम की पहुंच और लाभ-साझाकरण प्रणाली के तहत आंध्र प्रदेश में लाल चंदन की खेती करने वाले 198 किसानों और आंध्र विश्वविद्यालय के एक शैक्षणिक लाभार्थी को तीन करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक यह राशि आंध्र प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के माध्यम से वितरित की गई, जो भारत के जैविक संसाधनों के समान लाभ-साझाकरण और सतत उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एनबीए के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है।
बयान के मुताबिक एनबीए के इस कदम से चित्तूर, नेल्लोर, तिरुपति और कडप्पा के चार जिलों के 48 गांवों के किसान लाभान्वित हुए हैं, जो लाल चंदन की खेती और संरक्षण कर रहे हैं। लाल चंदन एक अत्यधिक मूल्यवान और स्थानिक वृक्ष प्रजाति है, जो केवल दक्षिणी भारत में पाई जाती है।
इस पहल के तहत, किसानों को 33,000 रुपये से 22 लाख रुपये तक की धनराशि मिलेगी, जो उपयोगकर्ताओं को आपूर्ति की गई लाल चंदन की लकड़ी की मात्रा पर निर्भर करेगी।
भाषा धीरज नरेश
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