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Sunday, 22 December, 2024
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नागालैंड विधानसभा में 58 सालों में पहली बार बजाया गया राष्ट्रगान

सितंबर 1962 में राज्य के वजूद में आने के बाद, नागालैंड विधानसभा में 12 फरवरी को पहली बार राष्ट्रगान बजाया गया.

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गुवाहाटी : नागालैंड में उस समय इतिहास रचा गया, जब 12 फरवरी को पहली बार विधानसभा के अंदर राष्ट्रगान बजाया गया, जिसके साथ ही सदन का 7वां सत्र शुरू हुआ, जो शुक्रवार को समय से पहले समाप्त हो गया.

सितंबर 1962 में सूबे के वजूद में आने के बाद, पहली बार नागा क़ानून निर्माता, रवींद्रनाथ टैगोर के ‘जन गण मन’ के गर्वित श्रोता बने, जो सदन में राज्यपाल आरएन रवि के उद्घाटन भाषण से पहले बजाया गया.

ये पता नहीं है कि क्या हर किसी ने उसकी पंक्तियों को दोहराया, लेकिन मास्क पहने हुए वहां मौजूद हर कोई राष्ट्रगान बजते ही एक साथ उठकर खड़ा हो गया.

नागालैंड स्पीकर शारिंगेन लोंगकुमेर ने दिप्रिंट को बताया कि ये उनका फैसला था कि राष्ट्रगान बजाया जाय, और इस संबंध में मुख्यमंत्री नेफियू रियो की अगुवाई वाली सरकार की सहमति ले ली गई थी.

उन्होंने कहा, ‘इस मरतबा असैम्बली में राज्यपाल की आगवानी के लिए, हम एक नए ढंग का समारोह करना चाहते थे. चूंकि वो एक संवैधानिक प्रमुख हैं, इसलिए उनका इस अवसर को शोभायमान करना, हमेशा राष्ट्रगान के साथ शुरू होता है. जब तक राज्यपाल अपना अभिभाषण देते हैं, नागालैंड विधानसभा में इस परंपरा का पालन किया जाएगा, एक परंपरा जिसे मैं शुरू करना चाहता हूं’.

लोंगकुमेर ने कहा, ‘जब से मैं 13वें सदन का हिस्सा बना, तब से इस कमी को महसूस करता था, और जब मैं स्पीकर बना, तो मैंने सीएम की सरकार से परामर्श करके ये फैसला कर लिया’. लोंगकुमेर 2019 के उपचुनाव में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के सदस्य के तौर पर, ऑन्गलेंडेन सीट से विधानसभा के लिए चुने गए थे.


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‘अगर राज्यपाल चाहें तो राष्ट्रगान बजाया जा सकता है’

पूर्व स्पीकर और विधायक, चोटीसुह साज़ो ने दिप्रिंट से कहा कि पहले ये परंपरा नहीं थी, लेकिन नियमों के मुताबिक़, अगर राज्यपाल की इच्छा हो तो राष्ट्रगान बजाया जा सकता है- सार्वजनिक समारोहों या सदन के अंदर भी, जहां इसका फैसला स्पीकर लेता है.

साज़ो ने कहा, ‘साल का पहला सत्र होने के नाते, राज्यपाल को इसे संबोधित करना होता है और उनके आने पर राष्ट्रगान बजाया गया और उनकी रवानगी के दौरान भी बजाया गया’.

साज़ो ने आगे कहा, ‘जब भी भारत के राष्ट्रपति, राज्यपाल या उप-राज्यपाल, किसी भी जगह किसी सार्वजनिक समारोह में शरीक होते हैं- तो उनके आने और जाने के समय राष्ट्रगान बजाया जाता है. अगर उनकी इच्छा हो कि उनके आगमन के दौरान राष्ट्रगान बजाया जाए, तो ये फैसला स्पीकर को लेना होता है’.

राज्य के विभिन्न मुद्दों पर पांच दिन की चर्चा के बाद, जिनमें महत्वपूर्ण भारत-नागा वार्ता भी शामिल थी, स्पीकर लोंगकुमेर ने शुक्रवार को सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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