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गुरूवार, 24 अप्रैल, 2025
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नासिक मंदिर के मुख्य पुजारी, अधिवक्ता वक्फ विधेयक पर संसदीय समिति के समक्ष अपने विचार साझा करेंगे

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नयी दिल्ली, 13 अक्टूबर (भाषा) नासिक के एक मंदिर के मुख्य पुजारी, तीन अधिवक्ता और एक मुस्लिम संगठन के प्रतिनिधि उन लोगों में शामिल हैं, जो सोमवार को संसदीय समिति के समक्ष वक्फ विधेयक पर अपने विचार साझा करेंगे।

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की सोमवार और मंगलवार को यहां बैठक होने वाली है, जिसमें वह जमीयत उलेमा-ए-हिंद, दिल्ली और गोवा की सनातन संस्था के प्रतिनिधियों का पक्ष सुनेगी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति नासिक के श्री कालाराम मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सुधीरदास महाराज का भी पक्ष सुनेगी।

अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय, विष्णु शंकर जैन और अमिता सचदेवा भी समिति के समक्ष विधेयक पर अपने विचार साझा करेंगे।

सचदेवा हिंदू जनजागृति समिति, गोवा का प्रतिनिधित्व करते हैं।

कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिपदी को भी मसौदा कानून पर अपने विचार साझा करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

मसौदा कानून के संबंध में अपने-अपने दृष्टिकोण के लिए समर्थन जुटाने के लिए प्रतिद्वंद्वी समूहों द्वारा शुरू किए गए अभियानों के बीच दोनों सदनों की संयुक्त समिति को 1.2 करोड़ ईमेल प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुई हैं।

सूत्रों ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति को संबंधित विचारों का समर्थन करने वाले दस्तावेजों के साथ 75,000 प्रतिक्रियाएं भी मिली हैं, जिसके कारण समिति को लोकसभा सचिवालय से अतिरिक्त स्टाफ की मांग करनी पड़ी है।

इन परामर्शों के माध्यम से, समिति वक्फ (संशोधन) विधेयक के प्रमुख पहलुओं की पड़ताल करेगी, जिसमें अभिलेखों का डिजिटलीकरण, अधिक कठोर लेखा परीक्षा प्रक्रियाएं, अतिक्रमण से निपटने के लिए उन्नत कानूनी उपाय और वक्फ प्रबंधन का विकेंद्रीकरण शामिल है।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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