नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नाम 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर नामकरण किया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित एक स्मारक का भी उद्घाटन किया.
इस दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘हर मौके और हर मोर्चे पर हमारी सेनाओं ने अपने शौर्य को सिद्ध किया है. ये देश का कर्तव्य था कि राष्ट्र रक्षा के अभियानों में स्वयं समर्पित करने वाले जवानों को व्यापक स्तर पर पहचान दी जाए. आज जवानों और सेना के नाम से देश को पहचान दी जा रही है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘देश में पहले की सरकारों ने और खास कर विकृत वैचारिक राजनीति के कारण दशकों से जो हीनभावना और आत्मविश्वास की कमी रही उसके कारण देश के सामर्थ्य को हमेशा कम आंका गया.’
देश में पहले की सरकारों ने… और खास कर विकृत वैचारिक राजनीति के कारण दशकों से जो हीनभावना और आत्मविश्वास की कमी रही उसके कारण देश के सामर्थ्य को हमेशा कमतर आंका गया।
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— BJP (@BJP4India) January 23, 2023
अंडमान की उपेक्षा की गई
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की उपेक्षा का आरोप लगाया. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे पूर्वोत्तर के राज्यों और अंडमान-निकोबार द्वीप जैसे हिस्सों को हमेशा ये सोच रही कि ये तो दूरदराज के दुर्गम और अप्रासंगिक क्षेत्र हैं ऐसी सोच के कारण ऐसे क्षेत्रों की दशकों तक उपेक्षा हुई और उनके विकास को नजरअंदाज किया गया. अंडमान-निकोबार द्वीप भी इसका साक्षी है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘जिन 21 द्वीपों को आज नया नाम मिला है, उनके इस नामकरण में भी गंभीर संदेश छिपे हैं. ये संदेश है -एक भारत, श्रेष्ठ भारत का संदेश, देश के लिए दिए गए बलिदान की अमरता का संदेश, और भारतीय सेना के अद्वितीय शौर्य और पराक्रम का संदेश है. करगिल युद्ध में ये दिल मांगे मोर का विजयघोष करने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा के नाम पर अंडमान में एक पहाड़ी भी समर्पित की जा रही है.’
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