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Friday, 26 April, 2024
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पीएम मोदी, अमित शाह ने आपातकाल से लड़ने वालों को याद किया

नड्डा ने ट्वीट किया, 'मैं उन सभी 'सत्याग्रहियों' के सामने झुकता हूं. जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और लोकतांत्रिक भावना को जीवित रखा.

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ‘महान लोगों को याद किया. जिन्होंने जमकर और निडर होकर आपातकाल का विरोध किया था.’ 1970 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया था.

प्रधानमंत्री ने एक छोटा वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, ‘भारत उन सभी महान लोगों को सलाम करता है, जिन्होंने आपातकाल का जमकर विरोध किया. भारत का लोकतांत्रिक लोकाचार ने अधिनायकवादी मानसिकता को सफलतापूर्वक हराया. एक मिनट 27 सेकेंड के वीडियो में राज्यसभा में मोदी के 2015 के इमरजेंसी काल को लेकर संबोधन को दिखाया गया है. उन्होंने कहा, ‘इस अवधि के दौरान क्रूरताएं सामने आईं, लेकिन देश नहीं झुका.’ उन्होंने कहा कि पूरे देश को जेल में बदल दिया गया.’

वीडियो में उस समय के अखबारों के लेखों की क्लिपिंग भी थी. इसमें प्रदर्शनकारियों को पुलिस द्वारा पीटते हुए दिखाया गया है, जो महिला प्रदर्शनकारियों को सड़क पर ले गए.

केंद्रीय गृहमंत्री और भाजपा प्रमुख अमित शाह ने भी उन लोगों को श्रद्धांजलि दी. जिन्होंने इस अवधि के दौरान ‘लोकतंत्र को बहाल करने के लिए अपनी लड़ाई में यातनाएं झेलीं.’ उनके ट्वीट के साथ पोस्ट की गई तस्वीर में एक अखबार ने लिखा.’  ‘आपातकाल लगा दिया गया’ जेपी, मोरारजी, अडवाणी, अशोक मेहता और वाजपेयी गिरफ्तार.’

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शाह ने ट्वीट में लिखा, ‘इस दिन 1975 में देश के लोकतंत्र को राजनीतिक फायदों के लिए मार दिया गया था. देशवासियों से मौलिक अधिकारों को छीन लिया गया था. समाचार पत्र बंद कर दिए गए थे. लोकतंत्र को बहाल करने के लिए उनकी लड़ाई में लाखों देशभक्तों को प्रताड़ित किया गया था. मैं सभी सेनानियों को सलाम करता हूं.’

भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस अवधि को देश के इतिहास में एक ‘काला धब्बा’ करार दिया.

नड्डा ने ट्वीट किया, ‘मैं उन सभी ‘सत्याग्रहियों’ के सामने झुकता हूं. जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और लोकतांत्रिक भावना को जीवित रखा. 1975 में देश में आपातकाल नियम लागू करना एक ‘काले धब्बे’ की तरह था.’

25 जून वह दिन है, जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 से 1977 तक 21 महीने की अवधि के लिए देश में आपातकाल घोषित किया था.

राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद द्वारा संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत ‘आंतरिक व्यवधान’ के कारण आधिकारिक रूप से इमरजेंसी लागू किया गया था. 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक आपातकाल लागू था.

यह आदेश प्रधानमंत्री के अधिकार पर निहित है, जो निर्णय द्वारा शासन करने के लिए अनुमति देता है, जिससे चुनाव निलंबित हो जाते हैं और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जा सकता है. आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास के सबसे विवादास्पद समय में से एक माना जाता है.

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