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बुधवार, 30 अप्रैल, 2025
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गुरुग्राम में नायब इमाम की हत्याः बिहार में दिवंगत इमाम के गांव में न्याय की गुहार की गूंज

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सीतामढ़ी (बिहार), एक अगस्त (भाषा) हरियाणा के गुरुग्राम में उन्मादी भीड़ के जानलेवा हमले में मारे गए मस्जिद के युवा नायब इमाम हाफिज साद की मौत को लेकर बिहार में उनके गांव में लोगों ने मंगलवार को न्याय की गुहार लगाई।

नायब इमाम घटना के अगले दिन अपने परिवार के सदस्यों के साथ बहुप्रतीक्षित छुट्टियों का आनंद लेने बिहार आने वाले थे।

उत्तर बिहार के सीतामढ़ी जिले के मनियाडीह गांव के निवासी 19 साल के हाफिज साद के लिए उनके गांव में इंसाफ के नारे गूंज रहे हैं।

नायब इमाम के मामा इब्राहिम अख्तर ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘साद बाबू अपने बड़े भाई शादाब के साथ अगले दिन ट्रेन से बिहार लौटने वाले थे।’’

अख्तर ने बताया, ‘‘शादाब ने हमें शिकायत करने के लिए फोन किया था कि उनका छोटा भाई कल सुबह तक मस्जिद छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।’’

शोक संतप्त साद के मामा ने खुलासा किया, ‘‘मस्जिद के मुख्य इमाम वहां से बाहर गए हुए थे और वह अगले दिन लौटने वाले थे। साद ने मुख्य इमाम के अनुपस्थित रहने के कारण सुबह की नमाज पढ़ाने के अपने कर्तव्य के निर्वहन को ध्यान में रखकर उनके वापस आने तक परिसर नहीं छोड़ने की बात कही थी।’’

साद के बड़े भाई शादाब गुरुग्राम में ही रहते हैं और आजीविका के लिए ट्यूशन पढ़ाते हैं। शादाब का मानना था कि साद हरियाणा में जारी सांप्रदायिक उन्माद को ध्यान में रखते हुए एक सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।

साद के पिता मुश्ताक को अपने बेटे के खिलाफ साजिश की आशंका है। उन्होंने उन रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया जिसमें कहा गया है कि गोली मारने से पहले सौम्य स्वभाव वाले उनके बेटे पर तलवारों से हमला किया गया था।

दुखी पिता ने कहा, ‘‘मेरे बेटे की क्या गलती थी। भीड़ ने मस्जिद के अन्य प्रबंधकों को छोड़ उनके बेटे और वहां के नायब इमाम पर ही हमला क्यों किया। मुझे न्याय चाहिए। मुझे सरकार से और कुछ नहीं चाहिए।’’

शोक संतप्त पिता ने विलाप करते हुए कहा, ‘‘हम साद और उसके भाई को स्टेशन पर लेने और उन्हें घर लाने के लिए कल मुजफ्फरपुर जाने की योजना बना रहे थे। अब हम यहां उस एम्बुलेंस का इंतजार कर रहे हैं जो उसका शव लाएगी।’’

बड़ा भाई जिसे ट्रेन यात्रा में साद के साथ जाना था, अब शव वाहन में लेकर सड़क मार्ग से बिहार आ रहे है।

सीतामढी के पुलिस अधीक्षक मनोज तिवारी ने कहा, ‘‘उक्त गांव नानपुर थाना अंतर्गत आता है। मैं अंतिम संस्कार के समय शोक संतप्त परिवार को हर संभव मदद का निर्देश देता हूं।’’

भाषा अनवर सुरभि

सुरभि

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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