कोहिमा, 26 अक्टूबर (भाषा) नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में निर्माण क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए राज्य के वास्तुकारों से सुरक्षित, टिकाऊ और स्थानीय वास्तुकला को बढ़ावा देने का आह्वान किया है।
मुख्यमंत्री ने वास्तुकारों से आग्रह किया कि वे सुरक्षा से कोई समझौता न करें और ऐसे नवोन्मेषी समाधान विकसित करें जो सौंदर्य मूल्य को संरचनात्मक मजबूती के साथ जोड़ें।
मुख्यमंत्री रियो चुमौकेदिमा में ‘नगालैंड आर्किटेक्ट्स एसोसिएशन (एएनए)’ के 25वीं वर्षगांठ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस समारोह की विषय वस्तु ‘‘समुदाय का जश्न, रचनात्मकता का पोषण’’ रखी गई।
रियो ने 25वीं वर्षगांठ की उपलब्धि को ‘हमारे राज्य के स्वरूप को आकार देने के लिए समर्पित पेशेवरों के समुदाय की दूरदर्शिता, दृढ़ता और अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण’ बताया।
मुख्यमंत्री ने समारोह को संबोधित करने से पहले घर और सजावट सामग्री संबंधित एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
रियो ने ‘एएनए’ के प्रारंभिक वर्षों को याद किया और नगालैंड में ‘विकास नियंत्रण और भवन उप-नियमों’ के लिए इसके शुरुआती समर्थन की प्रशंसा की है जिसे उन्होंने ‘संगठित, सुरक्षित और टिकाऊ शहरी विकास की दिशा में एक आधारभूत कदम’ बताया
उन्होंने संगठन की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह 120 से अधिक पंजीकृत वास्तुकारों का एक मजबूत निकाय बन गया है जो अब नीति-निर्माण, सरकारी सेवा, निजी कार्य और उद्यमिता में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
रियो ने कहा, ‘वास्तुकार केवल इमारतों के डिजाइनर नहीं हैं, वे हमारी विरासत के संरक्षक हैं, हमारी संस्कृति के व्याख्याकार हैं।’
उन्होंने कहा कि प्रत्येक डिजाइन और स्थान पारंपरिक नगा लोकाचार को आधुनिक कार्यक्षमता के साथ जोड़कर राज्य की पहचान में योगदान देता है।
रिया ने क्षेत्र की संवेदनशीलता पर प्रकाश डालते हुए याद दिलाया कि ‘हम भूकंपीय जोन पांच में रहते हैं।’ उन्होंने कहा कि यह ‘‘केवल एक आंकड़ा नहीं बल्कि एक वास्तविकता है जो हमारे जीवन को नियंत्रित करती है’।
मुख्यमंत्री ने निर्माण क्षेत्र की आर्थिक क्षमता पर भी जोर देते हुए इसे राज्य के लिए सबसे बड़ा रोजगार इंजन बताया है। उन्होंने ‘एएनए’ और इसके सदस्यों से स्थानीय युवाओं, राजमिस्त्री, इंजीनियरों और कारीगरों को नयी प्रौद्योगिकियों और टिकाऊ निर्माण तकनीकों के साथ प्रशिक्षित और सशक्त बनाने की अपील की।
उन्होंने कहा, ‘अपने स्थानीय कार्यबल को सशक्त बनाकर आप न केवल इमारतें बना रहे हैं बल्कि आप करियर का निर्माण कर रहे हैं और हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं।’
वास्तुकला परिषद (भारत) की सदस्य डॉ. गौरी नितिन शिउरकर ने नगालैंड की वास्तुशिल्प विरासत को स्थिरता, संस्कृति और नवाचार के मिश्रण के रूप में रेखांकित किया।
उन्होंने राज्य को ‘टिकाऊ और सांस्कृतिक वास्तुकला की एक जीवंत प्रयोगशाला’ बताया है और पारंपरिक ज्ञान का आधुनिक डिजाइन प्रौद्योगिकियों के साथ समावेशन किए जाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर पहले नगा वास्तुकार दिवंगत सी यंतसुशान मुरी के साथ-साथ इस पेशे के अन्य पुरोधाओं को भी श्रद्धांजलि दी गई।
भाषा प्रचेता सिम्मी
सिम्मी
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
