कोहिमा, नौ मार्च (भाषा) नगा समाज के प्रतिनिधियों ने बुधवार को सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की कि नगालैंड में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के चुनाव महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के साथ होने चाहिए।
उन्होंने नगा राजनीतिक मुद्दे के वार्ताकारों से भी जल्द समाधान के लिए लोगों की इच्छा पर ध्यान देने की अपील की।
विधायकों की उपस्थिति में राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई जन-आधारित नागरिक समाज संगठनों, गिरजाघरों, जनजातीय निकायों, राजनीतिक दलों और गैर सरकारी संगठनों सहित सभी हितधारकों की एक परामर्श बैठक के दौरान दो सूत्री प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इसमें 150 से अधिक नगा नेताओं और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि यूएलबी चुनाव भारत के संविधान के 74वें संशोधन के अनुसार होना चाहिए, जो यूएलबी में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है।
सरकार के प्रवक्ता नीबा क्रोनू और महोनलुमो किकॉन ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि बहरहाल, बुधवार की सलाहकार बैठक में मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और नगालैंड के महाधिवक्ता के. एन. बालगोपाल के स्पष्टीकरण के बाद कि 74वां संशोधन अलग है और अनुच्छेद 371 (ए) द्वारा गारंटीकृत अधिकारों का उल्लंघन नहीं करेगा, नगा प्रतिनिधियों ने महिलाओं के साथ यूएलबी चुनाव कराने पर सहमति व्यक्त की।
बैठक के दौरान, यह भी तय किया गया कि नगा लोग एक प्रारंभिक राजनीतिक समाधान के लिए इच्छुक हैं और बातचीत करने वाले दलों को इस आह्वान पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और एक ऐसे राजनीतिक समाधान पर पहुंचना चाहिए जो लोगों के लिए सम्मानजनक, समावेशी, पारदर्शी और स्वीकार्य हो।
उपस्थित लोगों ने सभी वर्गों से एक समाधान और एक समझौते की दिशा में काम करने के लिए एकता के लिए नए सिरे से प्रयास करने की अपील की।
भाषा देवेंद्र नरेश
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