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Thursday, 25 April, 2024
होमदेश‘साल बीता पर कामयाबी नहीं’, नगा शांति समझौते को लेकर इंतजार और बढ़ा, बीते साल भी नहीं बन पाई बात

‘साल बीता पर कामयाबी नहीं’, नगा शांति समझौते को लेकर इंतजार और बढ़ा, बीते साल भी नहीं बन पाई बात

नगा शांति वार्ता के लिए केंद्र सरकार की ओर से नए वार्ताकार ए.के. मिश्रा पिछले साल की शुरुआत में नगालैंड के दीमापुर पहुंचे थे और विभिन्न नगा समूहों व अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों से वार्ता की थी.

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कोहिमा: नगा शांति समझौते को लेकर इंतजार बढ़ता जा रहा है. पिछले साल भी कई कोशिशों के बावजूद सभी पक्षों को स्वीकार्य कोई समझौता नहीं हो पाया. नगा विद्रोहियों और केंद्र सरकार के बीच दो प्रमुख मुद्दों पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है.

नगा शांति वार्ता के लिए केंद्र सरकार की ओर से नए वार्ताकार ए.के. मिश्रा पिछले साल की शुरुआत में नगालैंड के दीमापुर पहुंचे थे और विभिन्न नगा समूहों व अन्य हितधारकों के प्रतिनिधियों से वार्ता की थी. इससे उम्मीद जगी थी कि राज्य में दशकों से जारी उग्रवाद की समस्या जल्द खत्म हो जाएगी.

मिश्रा ने हेब्रोन में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (इसाक-मुइवा) समूह के मुख्यालय के अंदर वरिष्ठ नेता टी. मुइवा समेत विभिन्न नेताओं से मुलाकात की थी.

खुफिया ब्यूरो (आईबी) के पूर्व विशेष निदेशक मिश्रा ने पिछले वार्ताकार और नगालैंड के पूर्व राज्यपाल आर. एन. रवि की जगह ली थी, जिन्हें सितंबर 2021 में तमिलनाडु का राज्यपाल नियुक्त किया गया था.

इसके बाद, दिल्ली में मुइवा और समूह के अन्य नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन अंतिम समझौता नहीं हो पाया, क्योंकि एनएससीएन-आईएम नगाओं के लिए एक अलग ध्वज और संविधान की अपनी मांग पर अड़ा रहा. यह एक ऐसी मांग है, जिसपर अब तक केंद्र ने सहमति नहीं जतायी है.

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केंद्र के साथ संघर्ष विराम की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर एनएससीएन-आईएम ने हालांकि, आश्वासन दिया कि वह संघर्ष विराम जारी रखेगा.

संघर्ष विराम समझौते के 25 साल पूरे

उल्लेखनीय है कि 25 जुलाई, 1997 को भारत सरकार के साथ हुए संघर्ष विराम समझौते के 25 साल पूरे होने पर एनएससीएन-आईएम के संघर्षविराम निगरानी प्रकोष्ठ (सीएफएमसी) ने उक्त आश्वासन दिया था.

भारत सरकार 1997 से एनएससीएन-आईएम और 2017 से नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूहों (एनएनपीजी) की कार्य समिति के साथ अलग से बातचीत कर रही है.

एनएनपीजी में कम से कम सात नगा समूह शामिल हैं.

भारत सरकार ने अगस्त 2015 में एनएससीएन-आईएम के साथ समझौते की रूपरेखा और नवंबर 2017 में एनएनपीजी के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे.

एक ओर एनएनपीजी ने एक समाधान को स्वीकार करने और बातचीत जारी रखने पर सहमति जतायी है, तो एनएससीएन-आईएम नगाओं के लिए एक अलग ध्वज और संविधान की अपनी मांग पर अडिग है.


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