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Friday, 1 November, 2024
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पार्टी के संगठनात्मक फेरबदल में शाह की टीम को बनाए रखने की संभावना, नए चेहरों को शामिल कर सकते हैं नड्डा

बीजेपी के संगठनात्मक परिवर्तन को महीने के अंत तक पूरा करने की उम्मीद है. परामर्श पहले ही हो चुके हैं. नई टीम में पुराने लोगों और नए चेहरों के होने की संभावना है.

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नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने पूर्ववर्ती और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टीम के लोगों को राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के संगठनात्मक फेरबदल में बनाए रखने की संभावना है, जो कि इस महीने के अंत तक होने की उम्मीद है.

20 जनवरी को पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने वाले नड्डा को तीन साल के लिए चुना गया है.

हालांकि, उनकी टीम में कुछ नए सचिवों सहित ‘नए चेहरे’ दिखाई देंगे. पार्टी सूत्रों ने कहा कि बदलाव केवल 35 प्रतिशत तक ही होंगे.

एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘नई टीम की घोषणा जल्द ही होने की संभावना है. नए चेहरों को मौका देने के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया है, ये पदाधिकारी पार्टी के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं और यह महसूस किया गया कि उन्हें इसके लिए पुरस्कृत किया जाना चाहिए. हालांकि, मौजूदा टीम (अमित शाह के कार्यकाल के दौरान मौजूदा एक सेट) में लगभग 30-35 प्रतिशत बदलाव ही दिखाई देंगे.

हालांकि, नेता ने कहा कि अंतिम नामों और परिवर्तनों की सीमा पर अभी भी विचार-विमर्श किया जा रहा है.

एक दूसरे भाजपा नेता ने कहा कि नड्डा ने राज्य इकाइयों से उन लोगों के नाम के लिए सुझाव मांगे हैं, जिन्हें नए संगठनात्मक सेट-अप का हिस्सा बनाया जाना चाहिए.

नेता ने कहा, ‘पार्टी के कई नेता हैं, जो राज्यों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और राज्य इकाइयों को एक पत्र भेजा गया है जो उनसे उनकी सिफारिशें मांग रहा है.’ भाजपा के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि पार्टी पश्चिम बंगाल में कार्य की देखरेख कर रही है, जिसका प्रबंधन वर्तमान में महासचिव कैलाश विजयवर्गीय कर रहे हैं.

पश्चिम बंगाल के एक वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी ने कहा, ‘विजयवर्गीय जी पश्चिम बंगाल के केंद्रीय पर्यवेक्षक हैं और फिर सह-प्रभारी हैं. पार्टी ने राज्य पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए एक, दो और सह-प्रभारी को जोड़ने की संभावना है.’

पुराने लोगों और नए चेहरों का मिश्रण

नड्डा के द्वारा पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने के बाद से भाजपा कार्यकर्ता और नेता संगठनात्मक बदलाव की प्रतीक्षा कर रहे हैं. 2014 में पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने वाले शाह ने अपनी टीम बनाई और वही टीम अब तक काम कर रही है.

पार्टी के नेता ने कहा, कई परामर्श पहले ही हो चुके हैं. लेकिन कोरोनोवायरस महामारी के कारण काम रुका हुआ था. लेकिन यह प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू हो गई है, क्योंकि पार्टी को हाल ही में दिल्ली, छत्तीसगढ़ को नया राज्य प्रमुख मिला है. नई टीम में पुराने लोगों और नए चेहरों का मिश्रण होने की संभावना है. कुछ महासचिवों को हटाया नहीं जाएगा, क्योंकि बिहार में चुनाव होने वाले हैं.

इस महीने की शुरुआत में, अभिनेता से नेता बने मनोज तिवारी को दिल्ली भाजपा प्रमुख के पद से हटाया गया था. पार्टी के नेता आदेश कुमार गुप्ता ने उनका स्थान लिया. छत्तीसगढ़ में पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साई ने पूर्व सांसद विक्रम उसेंडी को राज्य भाजपा प्रमुख के रूप में प्रतिस्थापित किया.

बिहार, बंगाल में पुराने लोग ही प्रभारी रह सकते हैं

पार्टी सूत्रों ने कहा कि बिहार और पश्चिम बंगाल के प्रभारी- भूपेंद्र यादव और विजयवर्गीय गृहमंत्री शाह के करीबी सहयोगी माने जाते हैं, शायद उन्हें बदला नहीं जा सकता.

भाजपा नेता ने कहा, यादव बिहार के प्रभारी हैं जहां इस साल के अंत में और अगले साल पश्चिम बंगाल में चुनाव होंगे, तो संभावना है कि वे बदले नहीं जा सकते हैं. लेकिन यह तय किया जाना बाकी है.

भाजपा में, महासचिव वे होते हैं जो पार्टी की गतिविधियों और दिन-प्रतिदिन के मामलों का नज़र रखते हैं.

यादव, विजयवर्गीय, मुरलीधर राव, अनिल जैन, सरोज पांडे, राम माधव, अरुण सिंह भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव हैं.

सूत्रों ने यह भी कहा कि जहां तक उनके प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट्स की बात है तो भाजपा इसमें बदलाव कर सकती है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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