हुबली (कर्नाटक), दो फरवरी (भाषा) कर्नाटक के कुछ स्कूलों में हिजाब को लेकर विवाद के बीच, श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुतालिक ने मंगलवार को कहा कि उनकी हिजाब पहनने की जिद, वर्दी की अनदेखी करना ‘आतंकवादी मानसिकता’ को दर्शाता है और ऐसे विद्यार्थियों को स्कूल से बाहर कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस हठधर्मिता में उन्हें (विद्यार्थियों) आतंकवादी के स्तर पर ले जाने की मानसिकता है। अब वे हिजाब कहती हैं, आगे वे बुर्का कहेंगी, इसके बाद उनके द्वारा नमाज और मस्जिद पर जोर दिया जायेगा। यह स्कूल है या आपका धार्मिक केन्द्र है।’’
उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर किसी भी तरह की सार्वजनिक बहस की अनुमति नहीं देने और तुरंत कदम उठाने के लिए कहा।
मुतालिक ने कहा, ‘‘मैं जो कह रहा हूं वह यह है कि सार्वजनिक बहस का मौका दिए बिना, उन्हें (हिजाब की मांग करने वाली छात्राएं) एक स्थानांतरण प्रमाणपत्र जारी किया जाना चाहिए और बाहर कर दिया जाना चाहिए। यह मानसिकता सबसे खतरनाक है।’’
उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन को लड़कियों को सख्ती से बताना चाहिए कि हिजाब पहनकर स्कूल आने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्दी का मतलब एकरूपता और समानता है।
उन्होंने कहा, ‘‘आप घर पर जो चाहें करने की स्वतंत्रता रखते हैं लेकिन जब आप स्कूल में कदम रखते हैं, तो आपको अपने स्कूल के नियमों का पालन करना होगा।’’ उन्होंने दावा किया कि कोलार जिले के कुनिगल तालुक के एक मुस्लिम बहुल गांव बोम्मनहल्ली के एक स्कूल में काम करने के बाद एक हिंदू शिक्षिका का तबादला कर दिया गया।
कोलार के चिंतामणि तालुक के एक स्कूल में हुई एक अन्य घटना का जिक्र करते हुए, जहां बच्चों ने नमाज अदा की, मुतालिक ने जानना चाहा, ‘‘क्या आप इसे (भारत को) पाकिस्तान या अफगानिस्तान बनाना चाहते हैं? अपनी अलगाववादी मानसिकता के साथ, यदि आप हिजाब और बुर्का की मांग करते हैं, तो पाकिस्तान जाओ।’’
उन्होंने मांग की कि सरकार को इस तरह की मानसिकता को बढ़ने नहीं देना चाहिए।
लगभग एक महीने पहले, चिकमंगलुरू जिले में कक्षा में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के विरोध में हिंदू छात्रों ने भगवा स्कार्फ पहनकर कक्षाओं में भाग लेना शुरू कर दिया था।
उडुपी में इसी तरह की एक घटना हुई जहां गवर्नमेंट गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की पांच छात्राओं ने हिजाब के बगैर कक्षाओं में जाने से मना कर दिया।
भाषा देवेंद्र नीरज
नीरज
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.