नई दिल्ली: इस सप्ताह कोरोनावायरस से भारत में मरने वालों की संख्या 100 को पार कर गई है, और अब तक 4,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि इनमें से 1,445 मामले तबलीग़ी जमात सभा से जुड़े हैं जो मार्च के मध्य में दिल्ली के निज़ामुद्दीन मुख्यालय में हुई थी.
तबलीग़ी जमात की सभा के आयोजन की व्यापक आलोचना हुई है जो कि कोविड-19 के लिए क्लस्टर के रूप सामने आई है.
दिप्रिंट ने विभिन्न इस्लामी निकायों के कुछ प्रमुख मुस्लिम विद्वानों से इस पर बात की कि वे इस घटना और विवादों को लेकर क्या कहते हैं.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) के अध्यक्ष अरशद मदनी ने कहा कि तबलीग़ी जमात की घटना के इर्द-गिर्द के विमर्श ने ‘बहुसंख्यक की नजर में हर मुसलमान को दुश्मन बनाने का काम किया है.’
मदनी ने दिप्रिंट से कहा, ‘वो चाहते हैं कि हर हिंदू ये सोचे कि सिर्फ मुसलमान उन्हें खतरा पहुंचा सकता है, इसलिए मुसलमानों के साथ अपनी दूरी और नफरत बरकरार रखो.’
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जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें मोदी सरकार से तबलीग़ी जमात से संबंधित फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने और सांप्रदायिक घृणा और कट्टरता फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की है.
मदनी ने कहा, ‘हर बार जब देश में बम विस्फोट होता था, तो गृह मंत्रालय कुछ मुस्लिम पुरुषों को दोषी मानता था. ये हमेशा जेल में सड़ेंगे कहता था, भले ही वे निर्दोष हों.’
उन्होंने कहा, ‘यह उसी तरह से चक्कर चल रहा है. सरकार चाहती है कि सभी लोग यह सोचें कि राष्ट्र को इस संकट तक मुसलमानों ने पहुंचाया है.’
मदनी ने आगे कहा, ‘इस देश का दुर्भाग्य है कि एक महामारी को भी हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बनाया जा रहा है.’
तबलीग़ी जमात सभा में इंडोनेशिया और मलेशिया के विदेशियों सहित 3,000 से अधिक लोगों पहुंचे थे. प्रकोप के बाद, जो लोग सभा में शामिल हुए, उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में क्वारंटाइन किया गया है.
यह दोषी ठहराने का समय नहीं’
दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी ने कहा कि इस घटना के बारे में बात करने के लिए टीवी डिबेट में जाने वाले मुस्लिम विद्वान नुकसान कर रहे हैं.
बुखारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘टीवी चैनलों को डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधियों और अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों को बुलाना चाहिए, मुसलमान जो कि टीवी शो में जा रहे हैं, वे किसी की मदद नहीं कर रहे. किसी ने उन्हें समुदाय का प्रवक्ता नहीं बनाया है, उन्हें घर पर रहना चाहिए.
बुखारी ने कहा, ‘तबलीग़ी जमात को अधिक सावधान रहना चाहिए था. लेकिन यह दोषा मढ़ने का समय नहीं है. ‘यह आगे देखने और सब कुछ बेहतर बनाने का समय है.’
जमात-ए-इस्लामी हिंद के महासचिव एजाज असलम ने कहा, ‘तबलीग़ी जमात ने जो किया है, उसका कोई बचाव नहीं कर रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन इसे देश के खिलाफ किसी तरह की सोची-समझी साजिश कहना निम्न स्तर की बात है.’
‘तबलीग़ी जमात के लोगों ने एक गंभीर गलती की है, लेकिन कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा, और इसी तरह सभी नेता जो इस दौरान संसद में भाग लेते रहे थे वो भी गलत हैं.’
असलम येदियुरप्पा की एक शादी में भाग लेने की बात कर रहे थे, जिसमें 15 मार्च को 2,000 मेहमान पहुंचे थे- इसके बाद इस तरह की सभाओं के विरुद्ध एक एडवाइजरी जारी की गई थी.
मुसलमानों को ‘परेशान’ किया जा रहा है
विद्वानों ने यह भी तर्क दिया कि इस घटना और इसके कवरेज से मुसलमानों के उत्पीड़न के कई मामले सामने आए हैं.
महमूद मदनी, जेयूएच के एक अन्य दल के महासचिव ने दिप्रिंट से कहा, ‘कुछ कालोनियां मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रही हैं. एक गर्भवती मुस्लिम महिला को अस्पताल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई. एक मुसलमान का मज़ाक उड़ाया गया और वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुआ. ये सभी समुदाय के व्यापक उत्पीड़न के मामलों के अलावा और कुछ नहीं हैं.’
पिछले कुछ दिनों में, उत्पीड़न की कई ऐसी खबरें सामने आई हैं – एक गर्भवती मुस्लिम महिला के बच्चे के मरने के बाद जब उसे राजस्थान के एक सरकारी अस्पताल में प्रवेश से रोका गया, और हिमाचल प्रदेश में एक मुस्लिम व्यक्ति, जो तबलीग़ी जमात के सदस्य के संपर्क में था, ग्रामीणों द्वारा कथित रूप से सामाजिक बहिष्कार के बाद उसने आत्महत्या की कोशिश की, जिसका कोरोना टेस्ट बाद में नकारात्मक आया था.
‘जल्दी ही या बाद में, इनमें से ऐसे अन्य रोगी सामने आएंगे जिनका तबलीग़ी जमात से कोई लेना-देना नहीं था. क्या हम उन्हें अपराधी के रूप में भी देखेंगे?’ मदनी ने पूछा.
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प्रशासन को सहयोग दें
घटना के ‘सांप्रदायीकरण’ की निंदा करते हुए, नेताओं ने कहा कि उन्होंने समुदाय के सदस्यों को प्रशासन के साथ सहयोग करने के लिए भी कहा है.
बुखारी ने कहा, ‘किसी को भी सरकार को अपने दुश्मन के रूप में नहीं देखना चाहिए, जो कुछ भी सार्वजनिक हित में है, वह समुदाय के हित में भी है. ‘अगर कोई डॉक्टरों पर हमला करता है, तो वे अपने लिए और पूरे देश में बड़े पैमाने पर गलत कर रहे हैं.’
महमूद मदनी ने भी कहा कि सभी को नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘मैं समुदाय के सदस्यों से कहना चाहूंगा कि अगर कोई जान-बूझकर किसी भी एडवाइजरी को तोड़ता है तो वह व्यक्ति अपराधी है.’
उन्होंने कह, ‘अगर नमाज के नाम पर, आप दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं, तो आप अपराधी के अलावा कुछ नहीं होंगे. इसलिए कृपया घर पर रहें और कुछ भी अनहोनी न करें.’
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Sir,
With due respact and due apology it may be noted that attitude of participants of Tabliqui zamaat has been irresponsible and suspicious also.Why are they hiding. They are not giving details as required by the agencies. We are finding lame excuses to flout lockdown. Participants are misbehaving doctors and nurses and it is done deliberately. It can not be appricited. We are not ready to follow the laws of the land which has been established on various occasion,although media has not acted properly and created unnecessary fuss.
कोई साजिस नहीं हो रही है 90% मुस्लिम अनेक तरह से देश से गद्दारी करते है
Agar 90 persant muslim desh se gaddari kare ge to desh khatam hone mai kitna der lagega 0000000.1 ke waja se pura muslim barbad hai aur ye yaad rakhana ye jab akhand bharat tha to muslim ka hi desh kahlata tha jawahalal nehru aur jinna milke isse india bana diye
1200 San se pahle yaha muslim ka namo nisan nhi tha smjhe sir ji. India me pahle kewal Hindu tha smjhe agar history nhi padhte h to padhna suru kr dijiye
कोई एक बार करे तो उसे गलती कहा जाए किन्तु जानबूझ कर बार बार मानवीयता से परे कार्य करे तो उसे क्या कहा जाए?
Main sabhi Bharat vasi se Vinti Karna chahta hu ki kuchh Galat or badkau video
ke vajah se aapsi mahol kharaab na kare
Kisi bhi Bimaari ka koi religion nahi hota
ishliye corona ke naam par muslimo se nafrat na kare kyonki sadhiyon se Hindu muslim ek sath rahte aaye hai or har presaani ka muqabla dono ne milkar kiya hai. please Hindustani sabhayta ko tutne na de. Please please please Hindu muslim Sikh ishaai aaps me sab bhai bhai
aapke kahane ka anusar Hindu Muslim ssadiyo se sath rahe hain to Pakistani me kya hua vahan Musalman hai per hinduon per atyachar kar rahe hain abhi coronavirus aane ke bad mein bhi musalmanon ne hinduon ko khane ko nahin diya kya aap yah news nahin dekhi pichhle time dekh lo gurudware Sahab per aur har jagah aatankwadi ghatna hoti hai vahan per Musalman hi kyon hota hai kya aap yah bata sakte ho
Meri khyal se, maulana sahab ne muslim community ko gumraah kiya ki. Hamako corona ho nahi sakta, yahi par unse sabse badi bhul ho gayee
Sir korona ki bjh se itna presaan hu ki bahar dukane khane ka rasn khtm ho rha or ghr bhee nhi ja skte to ab ap btaye kya kre hmm
Hahe ek sath rahna chahiye hindu ho ya muslman agr niymo me pher badlaw karne Par goli Mar do
Chahe hidu Ho ya muslman