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सोमवार, 2 जून, 2025
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तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल की तरह वक्फ अधिनियम को ‘खारिज’ करे केरल: मुस्लिम समूह

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तिरुवनंतपुरम, 10 अप्रैल (भाषा) केरल में मुस्लिम संगठनों ने राज्य की वामपंथी सरकार और विपक्षी दलों से एक संयुक्त प्रस्ताव पारित करने का आह्वान किया है, जिसमें यह कहा जाए कि राज्य में विवादास्पद वक्फ संशोधन अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा।

मुस्लिम संगठनों का कहना है कि राज्य को तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल की तर्ज पर ऐसा करना चाहिए।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि वह अपने राज्य में इस अधिनियम को लागू नहीं करेंगी, जबकि तमिलनाडु विधानसभा ने संसद द्वारा पारित किए जाने से पहले ही केंद्र से वक्फ संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) इस कानून को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।

साउथ केरल जमीयतुल उलमा के महासचिव टी. मुहम्मद कुंजी मौलवी ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “स्टालिन पहले ही घोषणा कर चुके हैं और उनकी विधानसभा ने वक्फ संशोधन अधिनियम के कार्यान्वयन के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर दिया है। हम मांग करते हैं कि केरल सरकार भी ऐसा प्रस्ताव पारित करे।”

हाल ही में पारित कानून के विरोध में बृहस्पतिवार को केरल में राजभवन तक मार्च निकालने वाले कई अन्य मुस्लिम संगठनों ने भी यही मांग की है।

मुस्लिम नेताओं ने इस संशोधन को ‘देश से मुसलमानों को मिटाने’ और उनकी सभी संपत्तियों को जब्त करने का प्रयास बताया है।

केरल मुस्लिम जमात फेडरेशन के अध्यक्ष कडक्कल अब्दुल अज़ीज़ मौलवी ने कहा, ‘इस देश में आखिरी मुसलमान की मौत तक हम इस लोकतंत्र विरोधी कानून को लागू नहीं होने देंगे। हमारा राजभवन मार्च सिर्फ़ शुरुआत है और हम संसद तक एक विशाल विरोध रैली भी आयोजित कर सकते हैं।’

भाषा जोहेब नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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