बेलगावी: 28 सितंबर की शाम करीब 5 बजे नजीमा शेख को अपने बेटे का यह पूछते हए फोन आया कि वह घर कब लौटेगी?. फोन पर उनके बेटे अरबाज आफताब मुल्ला ने उनसे कहा था ‘आते समय नियाज़ बिरयानी लेती आना. हम साथ में खाएंगे.’
शाम 7 बजे के करीब जब वह (नजीमा) बेलगावी शहर के आजम नगर स्थित अपने अपार्टमेंट में पहुंची, तो अरबाज का कोई अता-पता नहीं था. उन्होंने उसका नंबर डायल करने से पहले करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार किया. रात 8:30 बजे से 8:53 बजे के बीच नजीमा ने अपने बेटे के नंबर पर पांच बार कॉल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
रात 9 बजे के कुछ ही समय बाद उनके फोन पर वापस कॉल आया लेकिन लाइन पर उनका बेटा नहीं था.
नजीमा ने दिप्रिंट को बताया, ‘किसी ने मुझे उसके फोन से यह बताने के लिए फोन किया कि खानपुर में रेलवे ट्रैक पर एक क्षत-विक्षत शव पड़ा है और यह फोन उस शव के पास पड़ा मिला है.’
नजीमा ने कहा, ‘अगर आप इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से देखें तो उसकी मौत ठीक उसी दिन हुई जिस दिन उसका जन्म हुआ था.’
अरबाज की कथित तौर पर एक हिंदू लड़की के साथ अंतर्धार्मिक संबंधों की वजह से हत्या कर दी गई थी. उसका क्षत-विक्षत शव 28 सितंबर को शहर में रेलवे ट्रैक पर मिला था. उसके परिवार का दावा है कि इस कथित हत्या को दुर्घटना का रूप देने का प्रयास किया गया था.
रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) द्वारा शुरू में ‘अप्राकृतिक मौत’ के रूप में दर्ज किये एक प्रारंभिक मामले को बाद में 29 सितंबर को नजीमा द्वारा दायर की गई शिकायत के बाद संदिग्ध हत्या के केस में बदल दिया गया है. इसके बाद भी लगभग एक सप्ताह हो गया है, लेकिन पुलिस ने अभी तक औपचारिक तौर पर कोई भी गिरफ्तारी नहीं की है.
इस मामले में पुलिस ने अब तक श्री राम सेना-हिंदुस्तान- – जो प्रमोद मुथालिक की श्री राम सेना की एक शाखा है- के दो सदस्यों पुंडलिक मुतागेकर और प्रशांत बिरजे से पूछताछ की है. इन दोनों के नाम अरबाज की कथित हत्या के मामले में दर्ज प्राथमिकी में नामजद तीन आरोपियों में शामिल हैं.
दिप्रिंट ने उसकी टिप्पणी के लिए मुतागेकर से संपर्क करने की भी कोशिश की, लेकिन उसका फोन पहुंच से बाहर आ रहा था.
इससे पहले श्री राम सेना हिंदुस्तान के प्रमुख रमाकांत कोंडुस्कर ने इस कथित हत्या से अपने संगठन को दूर करते हुए कहा था कि इसके सदस्यों को सिर्फ ‘हिंदुत्व कार्यकर्ता होने’ की वजह से निशाना बनाया जा रहा है. इसकी मूल संस्था के प्रमुख मुतालिक ने भी आरोपियों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया.
प्यार में पड़ना ही उसकी सबसे बड़ी गलती थी : नजीमा
बेलगावी में लड़कियों के लिए बने एक सरकारी स्कूल में उर्दू की शिक्षिका 46 वर्षीय नजीमा ने 2017 में अपने पति को कैंसर की वजह से खो दिया. चुंकि उनकी बड़ी बेटी विदेश में रहती है, इसलिए नजीमा अपने बेटे के साथ ही रहती थी.
करीब तीन साल पहले नजीमा और अरबाज बेलगावी शहर से तक़रीबन 30 किलोमीटर दूर एक कस्बे खानपुर में चले आये थे. यहीं अरबाज की मुलाकात पड़ोस में रहने वाली एक लड़की से हुई.
नजीमा ने जोर देकर कहा, ‘उसकी सबसे बड़ी गलती शायद यह थी कि उसे दूसरे धर्म की लड़की से प्यार हो गया था.’
जैसे ही नजीमा को इस अंतरधार्मिक प्रेम सम्बन्ध की भनक लगी, उन्होंने तुरंत अपने बेटे पर बेलागवी शहर वापस जाने के लिए दवाब डाला और इस साल फरवरी में वे वापस भी आ गए थे.
एक दुःख में डूबी हुई मां के रूप में नजीमा कहती है, ‘इसके बावजूद वे दोनों एक दूसरे से दूर नहीं रह सकते थे. मार्च में मेरे बेटे ने मुझे खानपुर वापस जाने के लिए मजबूर किया. रमजान के महीने में मैंने लड़की के परिवार को उन दोनों के बारे में बताया था.‘
नजीमा का दावा है कि इसके बाद उनपर गालियों और धमकियों की बौछार हुई.
मई में, दोनों परिवार इस प्रेमी जोड़े को एक दूसरे से अलग होने के लिए मनाने के लिए एक साथ बैठे. नजीमा का कहना है, ‘हमें धमकियां मिलती रहीं लेकिन मेरा बेटा नहीं माना. मैंने उसे जुलाई में बेलगावी वापस जाने के लिए मजबूर भी किया.’
जब यह सब भी इस प्रेमी जोड़े को नहीं रोक सका तो, जैसा कि नजीमा का आरोप है, पुंडलिक मुतागेकर और उसके साथी कार्यकर्ताओं ने अरबाज को परेशान करना शुरू कर दिया. अरबाज के मृत पाए जाने के तीन दिन पहले, 25 सितंबर को,नजीमा ने उसे मुतागेकर से फोन पर उसे बख्श देने की गुहार लगाते हुए सुना था.
नजीमा बताती हैं, ‘उसने हमें 26 सितंबर को खानपुर में सारे मामले को ‘निपटाने’ के लिए उससे मिलने के लिए कहा. जब हम बस में थे तो उसने हमें फोन किया और कहा कि अगर हम हजारों लोगों द्वारा पीटे जाने से बचना चाहते हैं तो हमें एक स्टॉप पहले नीचे उतरना होगा.’
29 सितंबर को आरपीएफ के पास दायर की गयी अपनी शिकायत में, नजीमा ने आरोप लगाया है कि मुतागेकर, बिरजे और लड़की के पिता ने अरबाज को उसके और लड़की के बीच की सभी तस्वीरें, टेक्स्ट (सन्देश) और चैट को मिटाने के लिए धमकाया था.
नजीमा ने आगे कहा, ‘उसने (मुतागेकर) ने यह दावा किया था कि अरबाज ने लड़की से कहा था कि अगर वह उससे संबंध तोड़ लेती है तो वह उसकी तस्वीरें इंस्टाग्राम पर साझा कर देगा.’ नजीमा का यह भी कहना है कि उन्होंने अरबाज पर इस रिश्ते को खत्म करवाने के लिए उनकी द्वारा की जारी रही ‘सेवा’ की लागत के रूप में ‘चाय-पानी’ वास्ते 7,000 रुपये का भुगतान करने के लिए भी दवाब डाला था.’
जब दोनों मां-बेटे ने कहा कि उनके पास नकदी नहीं है, तो उन्हें ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए कहा गया.
नजीमा ने दावा किया, ‘अगले दो दिनों तक, मेरा बेटा यह देखने के लिए मेरे फोन को चेक करता रहा कि क्या मुझे कोई धमकी भरे कॉल या संदेश आये हैं? उसने मुझे काम पर जाने और आने के लिए ऑटो में सफर करने के लिए कहा क्योंकि पुंडलिक ने हम पर तेजाब फेंकने की धमकी दी थी.’
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परिवार ने मामले में साजिश के आरोप जोड़े जाने पर भी जोर दिया है
फ़िलहाल, वर्तमान में दर्ज प्राथमिकी में तीन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना) के तहत धारा 34 (अपराध करने वाले लोगों का समूह) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
लेकिन अरबाज के परिवार ने मांग की है कि इसमें सोची समझी चाल और साजिश के आरोप भी जोड़े जाएं.
नजीमा ने आरोप लगाया कि, ‘पहले तो उन्होंने मेरे बेटे को मार डाला और फिर सबूत मिटाने के लिए उसे पटरियों पर फेंक दिया. उन्होंने इसे एकदम पाक-साफ मामला दिखाने के लिए ठीक उस समय को चुना जब एक्सप्रेस ट्रेनें उन पटरियों पर गुजरती हैं. उन्होंने पहले से इस सब की योजना बनाई थी.’
हालांकि उन्होंने लड़की को भी इस सब के लिए जिम्मेदार ठहराया, परन्तु अरबाज के परिवार के अन्य सदस्य इस बात से असहमत थे. अरबाज के चचेरे भाई समीर मुल्ला ने कहा, ‘लड़की तो उससे तुरंत शादी करने को तैयार थी लेकिन इस मामले में उसकी मां और पिता असल अपराधी हैं. वह मेरे भाई से बहुत प्यार करती थी.’
समीर उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा था जिसने खानपुर के तहसीलदार से संपर्क कर अरबाज को जल्द से जल्द इंसाफ दिलाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा था. इस ज्ञापन में साजिश के आरोप को भी प्राथमिकी में जोड़ने की मांग की गई है.
तहसीलदार के कार्यालय में गए इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले जिला कांग्रेस नेता इरफान थलीकोटा ने कहा कि इस ज्ञापन को सौंपने के लिए सभी समुदायों के लोग एक साथ आए थे.
इरफ़ान कहते हैं, ‘हमने युवाओं को कानून अपने हाथ में नहीं लेने के लिए मना लिया है. हम शांति कायम रखे हुए हैं और हमें पुलिस विभाग पर भरोसा है.’
जब से इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा हुआ है, तब से ही लोग सोशल मीडिया पर लगातार पीड़ित शख्स के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं. हालांकि, ऐसे लोगों की संख्या भी काफी है जो इस मामले को खास तवज्जों देने की आवश्यकता पर सवाल उठा रहे हैं.
अरबाज की कथित हत्या का यह मामला ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक में सांप्रदायिक रंगत वाले मामलों में ‘मोरल पुलिसिंग’ की घटनाओं पर सख्त नाराजगी देखी जा रही है.
दिप्रिंट से बात करते हुए, कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि किसी भी संगठन को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘दोषियों की किसी भी तरह की पहचान की परवाह किये बिना उन्हें दंडित किया जाएगा. अगर किसी संगठन के सदस्य कानून अपने हाथ में ले रहे हैं तो पुलिस ऐसी गतिविधियों पर नजर रखेगी.‘
इस बीच बेलागवी पुलिस के सूत्रों ने कहा कि इस मामले की पूरी सावधानीपूर्वक जांच की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भड़काने वाली बात न हो.
इस मामले के अन्वेषण (जांच) में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘सोशल मीडिया पर हर कोई इस मामले के बारे बात कर रहा है और दोनों पक्षों से भड़काऊ बयानों के साथ बाते कहीं जा रही हैं. यह सब इस मामले को बहुत संवेदनशील बना देता है.’
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