बेंगलुरु, 10 अगस्त (भाषा) तीन बार के ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिकी केज का कहना है कि एक समय ऐसा था जब दिमाग में बेंगलुरु का ध्यान आते ही कानों में कर्नाटक संगीत और डोल्लू व कामसले की धुनें गूंजने लगती थीं लेकिन अब बेंगलुरु में हर तरीके की आवाज घर जैसी लगती है।
केज ने नौ अगस्त को बेंगलुरु में राष्ट्रीय गान का नया संस्करण प्रस्तुत किया।
नये राष्ट्रगान को लोग 14 अगस्त से सुन सकेंगे। इस नये राष्ट्रगान ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है क्योंकि इसमें कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज के लगभग 14,000 विद्यार्थी शामिल हुए हैं।
केज ने राष्ट्रगान को प्रस्तुत करने के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि राष्ट्रगान के इस नये संस्करण में एक साथ कई दिग्गज संगीतकार दिखाई देंगे।
केज ने कहा, “मुझे उम्मीद थी कि वे (अन्य दिग्गज संगीतकार) हां कहेंगे और मैं भाग्यशाली हूं कि वे मेरे साथ काम करने के लिए सहमत हुए। मेरे लिए यह बहुत आसान था। मैं उनके बनाए गए संगीत की प्रशंसा करता हूं और उनके साथ काम करना चाहता था।”
राष्ट्रगान के नये संस्करण में दिग्गज बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया व राकेश चौरसिया, संतूर वादक राहुल शर्मा, नादस्वरम वादक शेख महबूब सुभानी व कालीशाबी महबूब, सरोद वादक अमान अली बंगश व अयान अली बंगश, वीणा वादक जयंती कुमारेश और कर्नाटक के प्रमुख तालवादक गिरिधर उडुपा दिखाई देंगे।
भाषा जितेंद्र माधव
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