कोलकाता, सात जून (भाषा) पुलिस ने अपने 900 पृष्ठ के आरोपपत्र में कहा है कि मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान हरगोबिंदो दास और उनके बेटे चंदन को पहले उनके घर से खींचकर बाहर निकाला गया और फिर उनके परिवार के सामने कुल्हाड़ी से दोनों की हत्या कर दी गई।
एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को जंगीपुर अदालत में दायर किए गए आरोपपत्र में तेरह लोगों के नाम हैं। जाफराबाद के बेतबोना गांव के हरगोबिंदो और चंदन उन तीन लोगों में शामिल थे, जो अप्रैल में मुस्लिम बहुल जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए थे।
अधिकारी ने कहा कि इन 13 लोगों पर शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अलावा भारतीय न्याय संहिता के तहत घर में अनधिकार प्रवेश, घर में सेंधमारी, दंगा करने और हत्या करने का आरोप लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि आरोपपत्र में यह भी विस्तार से बताया गया है कि हत्या के बाद आरोपी व्यक्ति कैसे भागने में कामयाब रहे।
अधिकारी ने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।
मुर्शिदाबाद में आठ से 12 अप्रैल तक हुए सांप्रदायिक दंगे में संपत्तियों को व्यापक नुकसान पहुंचा, जिसके बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती का आदेश दिया था। हिंसा के सिलसिले में जिले के विभिन्न पुलिस थानों में 60 से अधिक प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद पुलिस ने अब तक 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
भाषा संतोष दिलीप
दिलीप
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.